कौशाम्बी:वीर बाल दिवस एवं बाल विवाह मुक्त भारत अन्तर्गत किया गया जागरूकता कार्यक्रमों का हुआ आयोजन,
यूपी के कौशाम्बी जिले में शासन के निर्देशानुसार महिला कल्याण विभाग द्वारा जनपद के नवीन आदर्श शिक्षा निकेतन श्रीराम चन्द्र पाण्डेय उच्च माध्यमिक विद्यालय सिराथू, आंगनबाड़ी केन्द्र बालकमऊ भदवा, एस0पी0एल0डी0 इण्टर कालेज भरेसर, प्रा0वि0 पाता मंझनपुर, आंगनबाड़ी केन्द्र गांधीनगर मंझनपुर, स्टार किड एवं स्टार वैली विद्यालय सहित जनपद के विभिन्न विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में वीर बाल दिवस तथा बाल विवाह मुक्त भारत अन्तर्गत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
जिसमें ड्राइंग, पोस्टर, निबन्ध लेखन एवं दौड़ प्रतियोगिता करायी गयी। बताया गया कि गुरू गोविन्द सिंह जी के बेटों के साहस एवं बलिदान की बीर गति को याद करते हुये बच्चों को देश-प्रेम के प्रति जागरूक कर वीरों की गाथा बतायी गयी। वीरता के क्षेत्र में उनके प्रदर्शन को याद किया गया। बच्चों को बाल विवाह से होने वाली शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं के बारे में बताया गया। बाल विवाह एक गैर कानूनी कार्य हेतु जिससे सरकार ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 का प्रावधान किया गया है।
जिसमें बाल विवाह करने एवं कराने वाले सभी लोगों के लिए दण्ड एवं सजा का प्राविधान किया गया है। जिसमें बालिकाओं की उम्र 18 वर्ष एवं बालकों की उम्र 21 वर्ष निर्धारित की गयी है। बताया गया कि यदि आपके आस-पास 18 वर्ष से कम उम्र की किसी लड़की एवं 21 वर्ष से कम आयु के किसी लड़के की शादी हो रही है तो वह बाल विवाह माना जायेगा। जिसमें उनकी मदद के लिए आप 1098 , 181, 1090 आदि महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नम्बरों जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति आदि पर सूचना दे सकते है। जिससे बाल विवाह रोका जा सके।
सूचना देने वाले का नाम पता गोपनीय रखा जायेगा। सभी बच्चों को बाल विवाह न करने की शपथ दिलायी गयी। बच्चांे द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु रैली का भी आयोजन किया गया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना अन्तर्गत विभिन्न नियमों एवं महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित समस्त महिला एवं बाल कल्याण योजनाओं का पम्पलेट वितरण कर उन्हें जागरूक किया गया।
कार्यक्रम में अजीत कुमार संरक्षण अधिकारी, पूनम पाल जिला समन्वयक, अंजू द्विवेदी एवं उमा साहू जेण्डर स्पेशलिस्ट, मालती देवी परामर्शदाता, एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, परामर्शदात सविता, रमा मिश्रा सहित समस्त विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों के स्टाफ तथा अधिक संख्या में बालक एवं बालिकायें उपस्थित रहें।








