भरवारी में सालो से बंद पड़े बीएस मेहता अस्पताल के अस्तित्व को बचाने के लिए एकजुट हुए नगरवासी

कौशाम्बी,

भरवारी में सालो से बंद पड़े बीएस मेहता अस्पताल के अस्तित्व को बचाने के लिए एकजुट हुए नगरवासी,

‌यूपी के कौशाम्बी जिले के नगर पालिका परिषद भरवारी में स्थित मेहता अस्पताल को बचाने के लिए नागा के लोग एकजुट होने लगे है,नगर के लोगो ने बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई है,मेहता अस्पताल को भरवारी की शान मानते हुए उसे बचाने के लिए अब लोग आगे आना शुरू कर दिए है।

भरवारी कस्बे में सन् 1956 में बल्लभ राम सालिग राम मेहता ट्रस्ट द्वारा अस्पातल का संचालन शुरू हुआ था, चूकि उस समय यह कस्बा इलाहाबाद जनपद में आता था तो अस्पताल आसपास के गरीबों की सेवा के लिए पूरे क्षेत्र में जाना जाता था। इस अस्पताल में बाहरी डाक्टरों के साथ-साथ स्थानीय डाक्टर भी कम पैसे में लोगों का इलाज करते थे। पूरा अस्पताल परिसर लगभग कई बीघे में बना हुआ था। हालांकि कुछ स्थानीय लोगों ने अस्पताल के नाम पर अपनी जमीने भी ट्रस्ट को दान के रूप में दी थी।

अस्पताल परिसर में मरीजों को भर्ती करने लिए कमरों के साथ-साथ अस्पताल में रहने वाले स्टाफ के लोगों के लिए लगभग पांच दर्जन से ज्यादा के कमरे बने हुए थे। सन् 1999 के बाद से ट्रस्ट द्वारा अस्पताल को सुविधाएं कम मिलने लगी और क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में ताला लटक गया। अस्पताल में ताला बंद होने के बाद यहां पर काम करने वाले लोगों ने वेतन न मिलने पर कमरों में कब्जा कर लिया था। स्थानीय लोगों ने सक्षम अधिकारियों के साथ-साथ ट्रस्ट के लोगों से कई बार अस्पताल को दोबारा शुरू कराने की मांग उठी लेकिन यह संभव नहीं हो सका।

पिछले 10 नवम्बर 2021 को कौशाम्बी सांसद विनोद सोनकर अपने सहयोगियों के साथ अचानक मेहता अस्पताल पहुंचे और उन्होंने वहां रह रहे कर्मचारी को बिना नोटिस दिये हुए यह कहकर पूरे परिसर में बुलडोजर चलवाकर अस्पताल परिसर को खाली करा दिया कि इस अस्पताल परिसर में पैरामेडिकल कालेज बनेगा और आप लोगों को फिर से नौकरी दी जायेगी और कमरा भी मिलेगा । सांसद ने बुलडोजर चलवाने के साथ-साथ बिजली कर्मचारियों को बुलावाकर पूरे अस्पताल परिसर की बिजली भी कटवा दी थी।

लेकिन इन दिनों भरवारी नगर में चर्चा है कि अब इस बंद पड़े मेहता अस्पताल में कोई पैरामेडिकल कालेज नही खुलेगा और न ही बनेगा। बल्कि प्रयागराज के कुछ भूमाफिया इस ट्रस्ट की जमीन पर प्लाटिंग करने की योजना बना लिए है और यह सभी लोग कौशाम्बी सांसद के करीबी बताएं जा रहे है ।यह लोग पूरे अस्पताल परिसर में गेट बंद कराके प्लाटिंग करने की योजना वाली सड़कें भी बनवा रहे है। अर्से से बंद पड़े मेहता अस्पताल में प्लाटिंग की खबर जैसे ही भरवारी के लोगों में हुई तो सभी स्थानीय व्यापारियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।

कस्बे के पुरानी बाजार स्थित एक व्यापारी के प्रतिष्ठान में सैकड़ों व्यापारियों ने बैठक मेहता अस्पताल के अस्तित्व को बचाने की चर्चा कि। और सभी ने एक स्वर में कहा कि हम सभी लोग भरवारी के बंद मेहता अस्पताल के अस्तित्व को बचाने का काम करेंगे और अगर इसके लिए प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार तक जाना पड़ा तो सभी लोग मिलकर जायेंगे।

इसके पूर्व व्यापारी सम्मेलन में आए कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के कार्यक्रम में भी सांसद विनोद सोनकर का व्यापारियों ने पोस्टर दिखाकर विरोध किया था, लें न उसके बावजूद इस पर किसी की भी प्रतिक्रिया नहीं आई।

बैठक में भाजपा नेत्री ज्योति केसरवानी,सभासद शंकर लाल केसरवानी, सभासद प्रतिनिधि शंकर लाल केसरवानी उर्फ बच्चा, व्यापारी जयप्रकाश शाहू, अमित वर्मा, उपांशु केसरवानी, धीरज चौरसिया, कमलेश शाहू, जीतू केसरवानी, सुधीर केसरवानी, सौरभ जायसवाल, नितिन केसरवानी, सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor