कौशाम्बी: बालू माफियाओं द्वारा यमुना नदी में मशीनों से खनन करने,नाव से बालू खनन शुरू कराने,बिजली बिलों की माफी और स्मार्ट मीटर रोकने को लेकर निषाद समुदाय ने किया प्रदर्शन,SDM को सौंपा ज्ञापन,
यूपी के कौशाम्बी जिले में बालू माफियाओं द्वारा यमुना नदी में मशीनों से खनन करने के विरोध में ,नाव से बालू खनन शुरू कराने,बिजली बिलों की माफी और स्मार्ट मीटर रोकने को लेकर निषाद समुदाय ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर प्रदर्शन किया है,लोगो में डीएम को संबोधित SDM को अपनी मांगो का एक ज्ञापन भी सौंपा है,SDM ने आवश्यक करवाई किए जन एक आश्वासन दिया है।
उन्होंने ज्ञापन में बताया कि वह निषाद समुदाय व नदी किनारे रहने वाले मजदूर व छोटे किसान है ,वह लोग गंगा व यमुना नदियों में नाव चलाकर और नदी से बालू निकाल कर तथा कछार में खेती करके अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं और यह उनका पुश्तैनी पेशा हैं तथा नदी से जीविका का साधन और रोजगार की गारंटी रही है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 जून 2019 को यमुना नदी तल से खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है और सूखे इलाकों से खनन किए जाने की व्यवस्था प्रारंभ कर दी है जो बड़े-बड़े ठेकेदारों और माफिया के नियंत्रण में है। जानकारी मिली है कि कटैया, केवटपुरा, मल्हीपुर, औधन बालू माफियाओं के नियंत्रण में मशीनों का संचालन किया जा रहा है। इनके ठेकेदार खुलेआम जेसीबी लोडरों व मशीनों से खनन करते हैं, जो पूरी तरह से अवैध व गैर कानूनी है।
निवेदन है कि 24 जून 2019 के गलत आदेश को वापस कर नाव से खनन चालू किया जाए, जिससे उनका रोजगार बहाल हो सके। यमुना नदी में जेसीबी व पोकलैंड मशीनों से अंधाधुंध की जा रही खुदाई पूरी तहर गैर कानूनी है और इस पर रोक लगाई जाए। नाव व खुली मंडी का संचालन कराया जाए, जिससे रोजगार व नदी की पर्यावरण व पारिस्थितिकी की रक्षा हो सके।
नदी किनारे खेती करके भी लोग अपना जीवन यापन करते रहे हैं। इस जलमग्न भूमि पर हर गांव के दबंगों का कब्जा है जो आम लोगों को खेती नहीं करने देते व टैक्स वसूलते हैं। जमींदारी उन्मूलन कानून की धारा 132 के तहत लोगों को नदी के किनारे खेती करने की व्यवस्था अमल की जानी चाहिए और दबंग लोगों के कब्जे को हटाया जाना चाहिए। इलाके में बाल मंडी चलाने वाले दबंग लोगों द्वारा नदी किनारे खेती नष्ट करने से रोका जाए।
उन्होंने बताया कि कई गांव में लोगों को दीनदयालु उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत कागजों पर कनेक्शन दिये गए हैं और कागजों पर बिल चढ़े हुए हैं और उन्हें मनमाने बिजली बिल भेजे गए हैं तथा उनकी अवैध वसूली की जा रही है। इन बिलों में बहुत सारे बिल वे हैं जिनमें मीटर तथा बिना मीटर वाले कनेक्शनों पर भी मनमाने बिल चढ़े हुए हैं। बेरोजगारी के कारण स्थिति यह है लोगों को उधार लेकर बिल जमा करने पड़ रहे हैं। कई गावों में स्मार्ट मीटर लगाने की घोषणा है, जिसे रोका जाना आवश्यक है।
उन्होंने मांग की है कि मनमानी वसूली रोकी जाए,सभी के पुराने बकाया बिल माफ किये जाएं और जनता की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए सभी ग्रामीणों को 300 यूनिट घरेलू बिजली मुफ्त तथा ट्यूबवेलों को मुफ्त बिजली दी जाए। स्मार्ट मीटर पर रोक लगायी जाए। किसानों और मजदूरों के सभी कागजी कनेक्शनों की जांच कराई जाए, उन्हें समाप्त कराया जाए।








