कौशाम्बी,
मकर संक्रांति पर पीना तो छोड़िए,नहाने लायक भी नहीं है गंगा नदी का पानी,श्रद्धालुओं में आक्रोश
दो दिन बाद मकर संक्रांति का त्योहार है,वही प्रयागराज में माघ मेला का भी आयोजन है,जिसके लिए प्रदेश और केंद्र सरकार अरबों रुपए खर्च कर रही है,लेकिन प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है कि कौशाम्बी जिले में मकर संक्रांति पर गंगा का पानी पीना तो छोड़िए,नहाने लायक भी नहीं बचा है,जिसको लेकर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं में आक्रोश व्याप्त है।
14 और 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार है,मकर संक्रांति के पारुव पर पहले स्नान से ही प्रयागराज में माघ मेला का शुभारंभ ही जाता है,लेकिन प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है कि कौशाम्बी जिले के कड़ा,सन घाट और पलहाना घाट,बदनपुर घाट से होकर गुजरने वाली गंगा नदी का पानी बिलकुल गंदा है।इस गंदे पानी से लोग स्नान भी नही करना चाहते है पीने की तो बात बहुत दूर है।
कौशाम्बी जिले के प्रमुख गंगा नदी घाटों पर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालु कहते है कि सरकार ने गंगा नदी की सफाई के लिया करोड़ों, अरबों रुपए खर्च कार दिए लेकिन गंगा को अभी तक साफ नही किया जा सका है।गंगा नदी के गंदे पानी के चलते मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने जाने वाले श्रद्धालुओं में काफी आक्रोश व्याप्त है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि सरकार और प्रशासन की लापरवाही है जिसके चलते कानपुर की चमड़ा फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी को गंगा नदी में ही बहा दिया जाता है जिले चलते गंगा का पानी गंदा है,वही गंगा स्नान के पहले सरकार प्रत्येक वर्ष इन फैक्ट्रियों के नाले को बंद कर देती थी,लेकिन इस वर्ष अभी भी इन फैक्ट्रियों को बंद नही किया गया है जिसके चलते गंगा का पानी अभी भी गंदा है।