कौशाम्बी,
डीएम ने 76 वें गणतन्त्र दिवस पर कलेक्ट्रेट प्रांगण में किया झण्डारोहण,संविधान की रक्षा की ली शपथ,
यूपी के कौशाम्बी जिले में 76वें गणतन्त्र दिवस के अवसर पर जनपद के सभी सरकारी भवनों पर झण्डारोहण किया गया तथा जनपद के सभी शिक्षण संस्थानों में भी झण्डारोहरण के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर गणतन्त्र दिवस हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया गया।
डीएम मधुसूदन हुल्गी ने कलेक्ट्रेट प्रांगण में झण्डारोहण कर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों व कर्मचारियों को “संविधान प्रस्तावना संकल्प” की शपथ दिलाई। एडीएम अरूण कुमार एवं एडीएम प्रबुद्ध सिंह तथा एसडीएम अतिरिक्त सुखलाल वर्मा ने उदयन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपिता महॉत्मा गांधी एवं डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया तथा स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी के परिजन डॉ0 अरिमर्दन सिंह, पवन सिंह एवं अक्षय कुमार त्रिपाठी को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।
इसी प्रकार कलेक्ट्रेट में अपने-अपने पटल से सम्बन्धित अच्छा कार्य करने वाले पटल सहायकों/कर्मचारियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया। फार्मर रजिस्ट्री के अन्तर्गत किसानों का अधिक से अधिक रजिस्ट्रेशन करने वाले जनसेवा केन्द्रों संचालकों को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
एडीएम अरूण कुमार ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गणतन्त्र दिवस, हम सबके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के आन्दोंलनो एवं बलिदान के कारण देश को आजादी मिलीं। आजादी के बाद देश का शासन-प्रशासन किस प्रकार चलाया जाय, देश में अनेक भाषा, सम्प्रदाय आदि विविधतायें हैं, सबको साथ लेकर, सभी चीजों को समाहित करते हुए, किस प्रकार से संविधान का डॉक्यूमेन्ट तैयार किया जाय, यह बहुत बड़ी चुनौती थी, परन्तु संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि उन्होंने इस प्रकार संविधान बनाया कि आज तक देश में किसी भी प्रकार की सिविलवार एवं मिलिट्री शासन नहीं लगा है, देश में शासन लोकतान्त्रिक तरीके से चल रहा है, जबकि पड़ोसी देशों सहित अन्य देशों को देखा जाय तो लोकतान्त्रिक तरीके से शासन नहीं चल पायी है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन एवं अन्य देशों में स्वतन्त्रता के कई वर्षों बाद महिलाओं को मतदान करने का अधिकार दिया गया, जबकि भारत में आजादी के तुरन्त बाद ही महिलाओं को मतदान करने का अधिकार दिया गया। सभी नागरिकों को बराबर मौलिक अधिकार दिये गयें। उन्होंने सभी अधिकारियों/कर्मचारियों से कहा कि संविधान की मूल भावना को समझते हुए अपने दायित्वों/जिम्मेदारियों का निर्वहन करें तथा देश, प्रदेश व जनपद को प्रगति के पथ पर लें जायें।
इस अवसर पर कलेक्टेट के अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहें।