पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान,कहा भाजपा का मंत्री संजय निषाद कुख्यात अपराधी और भाजपा के लोग सब रंगे सियार

कौशाम्बी,

पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान,कहा भाजपा का मंत्री संजय निषाद कुख्यात अपराधी और भाजपा के लोग सब रंगे सियार,

यूपी के कौशाम्बी जिले में बुधवार को आयोजित संविधान सम्मान व जनहित हुंकार रथ यात्रा में मुख्य अतिथि के तौर पर कौशाम्बी पहुंचे यूपी के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि पूरे देश व प्रदेश में आज बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है।

उन्होंने कहा कि करोड़ों नौजवान दर दर की ठोकरे खा रहा है। सरकारी नौकरियां नदारद है। महगांई असमान पर है जिसे लेकर आम आदमी परेशान है। अनुसूचित जाति व जनजाति पिछड़े वर्गों का आरक्षण निष्क्रिय किया जा रहा है। रिटर्न परीक्षाओ में यदि एससी ,ओबीसी के अभ्यर्थी यदि पास भी होते है तो सेलेक्शन में उनको नॉट फाउंड दिखाकर उनको बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।ल और भारतीय जनता पार्टी अपने चेहेतो को नौकरियां देने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि बिना विज्ञापन निकाले प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में एक विशेष वर्ग के लोगों को नियुक्ति दी जा रही है। किसान में किसान समस्या मुंह बाये खड़ी है। तीन वर्षों से किसान दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे है। लेकिन सरकार आज तक न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा नही कर पाई है। छुट्टा जानवरों द्वारा किसानों की फसले बर्बाद हो रही है। सरकार इस पर कोई ध्यान नही दे रही है। प्रदेश में 27 हजार प्राइमरी विद्यालय बंद कर दिये गये है। जो कि सरकार की सबसे बड़ी असफलता है । अस्पतालों में दवाएं नदारद है।गरीब जाता है तो उन्हें बाहर से दवाएं की पर्ची लिखी जाती है। इनको दवाएं नि: शुल्क नही दी जाती है।

भारतीय जनता पार्टी अराजकता के रास्ते पर आगे बढ़ चुकी है। इनकी नियत में खोट है। जनता का ध्यान भटकाने के लिए सरकार मंदिर मस्जिद के मुद्दे को उठा रही है। इस यात्रा के माध्यम से मै सोई हुई सरकार को जगाने का काम कर रहा हू।

भाजपा के मंत्री संजय निषाद के सात दरोगाओं के हाथ पैर तोड़ कर यहां तक आने की बात पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा का मंत्री खुद अपने को कुख्यात अपराधी बता रहे है,यह भात का एक चावल है,जिसकी कलई खुली है,भाजपा के सारे ऐसे रंगे सियार है,जिनके चरित्र को यदि खोदा जाएगा तो इसी प्रकार के सब लोग निकलेंगे।

 

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor