अंडर ट्रांसफर कर्मचारी ने निजी आईटीआई से की साठगांठ,विवादित सिराथू आईटीआई को फिर से परीक्षा केंद्र बनाए जाने की चल रही तैयारी

कौशाम्बी,

अंडर ट्रांसफर कर्मचारी ने निजी आईटीआई से की साठगांठ,विवादित सिराथू आईटीआई को फिर से परीक्षा केंद्र बनाए जाने की चल रही तैयारी,

यूपी के कौशाम्बी जिले के सिराथू आईटीआई को एक बार फिर से निजी आईटीआई का परीक्षा केंद्र बनाए जाने की चर्चा जोर पकड़ रही है। ऐसे में संस्थान के लोगो एक अंडर ट्रांसफर कर्मचारी पर निजी संस्थानों से मिलकर साठगांठ कर खेल करने का आरोप लगाया है। बातें यहां तक होने लगी है कि एक तय धनराशि की मांग की जा रही है। हालांकि अभी सिराथू को परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर फैसला नहीं हो सका।

बतादें कि सिराथू आईटीआई में 2018 में परीक्षा के दौरान आईटीआई परीक्षा की कॉपियों की अदला बदली पकड़ी गई थी।परीक्षा कें दौरान छात्रों ने सादी कॉपी जमा की थी।  उसके बाद सिराथू आईटीआई संस्थान से सादी कॉपियां लेकर लिखी हुई कॉपियां बच्चोंं को दी गई। बच्चे कॉपी जमा कर रहे थे। इसी दौरान जानकारी पर एसडीएम सिराथू ने मौके पर पहुंचकर कॉपियों को पकड़ लिया। इसके बाद से आईटीआई सिराथू को निजी स्कूलों का परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया।

अब फिर से एक अंडर ट्रांसफर कर्मचारी ने कुछ संस्थानों से मिलकर सिराथू आईटीआई को परीक्षा केंद्र बनाए जाने का प्रयास शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि कर्मचारी की परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था में अच्छी पैठ है। इसके चलते उसको रिलीव नहीं किया जा रहा है।आरोप है कि परीक्षा के जिम्मेदार तक कर्मचारी को रोकने की तैयारी है। वहीं एक निजी आईटीआई कॉलेज के संचालक ने बताया कि उनसे अभी से परीक्षा के लिए एक तय शुल्क की मांग की जा रही है। जबकि वह इसका विरोध कर रहे हैं। इसपर उनको धमकी मिली है कि सब साथ हैं तो तुम अलग नहीं जा सकते।

बतादें कि 2018 में कॉपियों की अदला बदली के दौरान परीक्षा प्रभारी अजय पटेल थे। यह आज भी संस्थान में तैनात हैं। इनके खिलाफ भी परीक्षा के दौरान लापरवाही के आरोप में मुकदमा दर्ज है। जो न्यायालय में विचाराधीन है।

नोडल प्रधानाचार्य आईटीआई सिराथू यजुवेंद्र नाथ से इस सम्बन्ध में बात की है तो उन्होंने बताया कि जिस अंडर ट्रांसफर कर्मचारी की बात हो रही है। वह अच्छा जानकार हैं। कंप्यूटर आदि की इनके पास अच्छी जानकारी है। अभी परीक्षा होने वाली है। कोई परेशानी न होने पाए इसके लिए इनको एक सप्ताह तक के लिए रोका गया है। काम समाप्त होते ही रिलीव कर दिया जाएगा।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor