कौशाम्बी,
श्री राम और श्री कृष्ण का जन्म सुख का मूल है:राष्ट्रीय संत राजेंद्र जी महाराज,
यूपी के कौशाम्बी जिले में श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस में व्यास पीठ पर विराजमान राष्ट्रीय संत राजेंद्र जी महाराज श्री धाम वृंदावन आयोजन स्थल कादीपुर हनुमान जी मंदिर न्यू मेडिकल कॉलेज के सामने आयोजित है।
पंचम स्कंध की कथा का वर्णन करते हुए राजेंद्र महाराज जी ने कहा कि जड़ भरत जी महाराज के पावन प्रसंग को श्रवण करते हुए कहा कि विश्वास हो भरत जैसा 28 प्रकार के नरक का वर्णन विराट स्वरूप का वर्णन भक्ति अजामिल के प्रसंग को श्रवण कर करके कहा कि संबंध भी रखो तो नारायण से यदि परम ब्रह्म परमात्मा नारायण से संबंध होगा तो मुक्ति सुनिश्चित है पुत्र के मुंह में पुत्र का समा पुत्र मोह में नारायण का स्मरण किया तो साक्षात् नारायण प्रकट हो गए ।
सप्तम स्कंद के कथा में कहां की भक्त प्रहलाद जैसे विश्वास हो खंभे से भी परमात्मा को प्रकट करके सभी को आश्चर्यचकित किया जीवन में विश्वास इतना होना चाहिए की प्रभु हर क्षण में है हर कण में है और नर्सिंग का रूप धारण करके भक्त प्रहलाद की रक्षा की हिरण्यकश्यप का वध किया और भक्त प्रहलाद की रक्षा की वामन भगवान की कथा को श्रवण करते हुए कहा कि राजा बलि के यज्ञ में पधार करके तीन पैग पृथ्वी की याचना की राजा बलि ने अपने गुरु के मना करने के बाद भी अपने संकल्प की पूर्ति किया जीवन में संकल्प प्रमुख होना चाहिए।
किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वामन ने अपने विराट रूप से चल और आंचल संपत्ति को नाप लिया और तीसरे चरण में स्वयं राजा बलि लेट करके प्रभु को प्रणाम किया की तीसरा पाठ हमारे ऊपर रख दीजिए फिर वरदान प्राप्त किया भगवान श्री राम की कथा संपूर्ण सूर्यवंश का वर्णन में महाराज जी ने कहा कि राम का जन्म आनंद के लिए होता है।
भगवान श्री राम आनंद के सागर हैं सुखदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित को और कृष्ण कथा से पूर्व राम कथा को श्रवण कराया क्योंकि राम रूपी मर्यादा जीवन में जब होगी तभी कृष्ण कथा समझ में आएगी आज भगवान श्री कृष्ण का जन्म मा महोत्सव कथा के माध्यम से मनाया गया बड़े ही संख्या में लोगों ने कृष्ण जन्म का आनंद प्राप्त किया ब्रज की बधाइयां गाई गई, नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की।
आयोजक कुसुम त्रिपाठी, स्वर्गीय पंडित रमेश चंद्र त्रिपाठी एवं कुलभूषण द्विवेदी, भरत भूषण द्विवेदी ,पवन त्रिपाठी, सन्तोष त्रिपाठी ,किशन पाण्डेय, उमलेश त्रिपाठी, मनीष तिवारी ,सुनील पाण्डेय, रजिन्द्र पाण्डेय समस्त रिश्तेदार परिवरीजन व समस्त ग्रामवासी क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।