कौशाम्बी,
जिला पंचायत अध्यक्षा ने मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत जनपद स्तरीय मेला का दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारम्भ,
यूपी के कौशाम्बी जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर ने गुरुवार को डायट मैदान में आयोजित उ0प्र0 मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत आयोजित 01 दिवसीय जनपद स्तरीय मेला/कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित करके शुभारम्भ किया तथा कृषि विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा लगायी गई विभागीय योजनाओ के स्टॉलों का अवलोकन करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा-निर्देश दियें।
भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मराज मौर्य ने मिनी किट का वितरण सर्वाधिक उत्पादन करने वाले प्रगतिशील किसानों- गुलाब सिंह, भवानी दीन, ओमप्रकाश, नरेन्द्र, तीरथ प्रसाद, सत्यनारायण, बुद्धसेन मौर्या, रामफल, सुरेश चन्द्र, मालती देवी को देकर सम्मानित किया।
जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के आधुनिक जीवन शैली में हम लोग मोटे अनाजों से दूर हों गये हैं, जबकि मोटे अनाज का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी एवं लाभप्रद है।
सीडीओ अजीत कुमार श्रीवास्तव ने कृषकों को बताया कि मोटे अनाजों में भरपूर पोषण तत्व-आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम आदि पाये जाते हैं। प्रधानमंत्री ने मोटे अनाजों को श्रीअन्न का नाम देकर अधिक से अधिक उत्पादन एवं उपभोग की पहल की है। जैसा कि आप सभी जानते है कि यूएनओ द्वारा वर्ष-2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किया गया था।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मोटे अनाजों के अधिकाधिक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढोतरी भी की है। उन्होंने किसानों से मोटे अनाजों का अधिकाधिक उत्पादन करने का आवाह्न करते हुए कहा कि मोटे अनाज के उत्पादन में लागत कम आती है, जिससे आय में भी वृद्धि होगी। उन्होंने किसानों से कहा कि कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी जा रहीं जानकारियों व सुझाओं को अपनाकर अधिक से अधिक मोटे अनाजों का उत्पादन करें।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया था और सरकार उसी दिशा में निरन्तर आगे बढ़ रहीं है। हम सब पुराने अन्नों (मोटे अनाज) के उत्पादन को भूलते चलें गये, अधिकाधिक रासायनिक खादों का उपयोग करने लगें, रासायनिक खादों से उत्पादित अन्न का सेवन करने से अनेक बीमारियॉ होती हैं, जबकि मोटे अनाज स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक हैं। इन अनाजों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती हैं। उन्होंने सभी से मोटे अनाजों को अपने भोजन में शामिल करने का आह्वान किया। उन्होंने किसानों से कहा कि अधिकाधिक मोटे अनाजो का उत्पादन करें, इसके उत्पादन में लागत भी कम आती है। उन्होंने प्राकृतिक खेती करने तथा रासायनिक खादों का कम से कम उपयोग करने का भी आवाह्न किया।
उक्त कार्यशाला में कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ0 अजय कुमार, डॉ0 मनोज कुमार सिंह एवं डॉ0 मीनाक्षी सक्सेना ने किसानों को मोटे अनाज की उपयोगिता, उत्पादन एवं फसलों को बीमारियों से बचाव आदि महत्वपूर्ण जानकारियॉ व सुझाव दियें।
इस अवसर पर, उप कृषि निदेशक सतेन्द्र कुमार तिवारी, इन्द्रजीत यादव, जिला कृषि रक्षा अधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी व कृषक उपस्थित रहें।