श्री मदभागवत कथा के पांचवे दिन कृष्ण बाल लीलाओं का कथावाचक ने किया वर्णन,मंत्रमुग्ध होकर भक्तों ने सुनी कथा

कौशाम्बी,

श्री मदभागवत कथा के पांचवे दिन कृष्ण बाल लीलाओं का कथावाचक ने किया वर्णन,मंत्रमुग्ध होकर भक्तों ने सुनी कथा,

यूपी के कौशाम्बी जिले में मडूकी टेनशाह आलमाबाद गाँव मे चल रही सात दिवसीय भागवत कथा पांचवे दिन गुरुवार को भगवान कृष्ण की लीलाओं की कथा सुनाई गई। कथा वाचक धनंजय दास महाराज ने कहा कि सधाा सुख केवल भगवान के चरणों में है। भगवान के सम्मुख और उनके शरणागत होने को ही भागवत कथा है। भागवत कथा से कल्याणकारी और कोई भी साधन नहीं है इसलिए व्यस्त जीवन से समय निकालकर कथा को आवश्यक महत्व देना चाहिए।

भागवत कथा से बड़ा कोई सत्य नहीं है। भागवत कथा अमृत है। इसके श्रवण करने से मनुष्य अमृत हो जाता है। यह एक ऐसी औषधि है जिससे जन्म-मरण का रोग मिट जाता है। भागवत कथा को पांचवां वेद कहा गया है, जिसे पढ़ सकते हैं और सुन सकते हैं। कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार हैं। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है तब-तब भगवान विष्णु किसी किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं।

उन्होंने कहा वैसे तो भगवान विष्णु ने अभी तक तेईस अवतारों को धारण किया। इन अवतारों में उनके सबसे महत्वपूर्ण अवतार श्रीराम और श्रीकृष्ण के ही माने जाते हैं। श्री कृष्ण का जन्म क्षत्रिय कुल में राजा यदु कुल के वंश में हुआ था। भागवत भूषण ने कृष्ण के जीवन गाथा का विस्तार पूर्वक विवरण कर संगतों को कृष्ण के जीवन लीला के बारे में बताया गया। इस दौरान दिनेश चंद्र शुक्ल, पं0 रवींद्रनाथ शुक्ल, सत्यनारायण दीक्षित, उपेन्द्र नाथ शुक्ल, शिवम, सुधाकर, गुणाकर आदि भक्त मौजूद रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor