प्रयागराज,
31 साल बाद पीड़िता को मिला न्याय,एमपी, एमएलए कोर्ट ने सुनाई पूर्व सपा विधायक को 5 साल की सजा,
यूपी के प्रायगराज में 31 वर्ष पुराने अपहरण और धमकाने के मामले में समाजवादी पार्टी से फूलपुर के विधायक रहे सईद अहमद एवं मोहम्मद आजाद को एमपी-एमएलए की विशेष न्यायालय ने पांच वर्ष की कैद और 17,500 रुपये के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है।वही मामले में शामिल तीन आरोपी फिरोज अहमद, मुजीब अहमद उर्फ मंजनू तथा एमए खान की मृत्यु हो चुकी है इसलिए उनके विरुद्ध मुकदमा उपशमित (शांत) कर दिया गया।
यह आदेश न्यायाधीश बृजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने अभियोजन अधिकारी पवन कुमार सिंह, जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरी तथा आरोपियों के अधिवक्ताओं के तर्कों एवम पत्रावली पर उपल ऐप पर पढ़ें सबूतों का अवलोकन करने बाद दिया है।
सरफराज हुसैन ने एक फरवरी 1993 को उनकी पत्नी को अगवा कर लेने का मामला दर्ज कराया था। उनका सईद अहमद से संपत्ति के संबंध में न्यायालय में विवाद चल रहा था। पूछताछ पर पता चला कि सईद अहमद, फिरोज अहमद, मोहम्मद आजाद, मोहम्मद शमीन के साथ दो-तीन अन्य लोगों ने उनकी पत्नी को कार में अगवा किया है। 22 अप्रैल 1993 को जब उनकी पत्नी किसी तरह आरोपियों के चंगुल से बचकर निकल आई तो बताया कि डरा-धमका कर उनसे सादे स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर कराया गया। इसके साथ ही न्यायालय में उनके पक्ष में बयान देने के लिए धमकाया गया।
सीओ नगर तृतीय इलाहाबाद के आदेश पर 21 मई 1993 को सिविल लाइंस थाने में धारा 363, 368, 342, 384,468,506 भा०द०सं० के तहत आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। मामले के अन्य आरोपी न्यायालय में हाजिर हुए। न्यायालय ने आरोपी सईद अहमद एवं मो. आजाद के विरुद्ध आरोप विचारित किया गया। आरोपियों को आरोप पढ़कर सुनाया व समझाया गया, जिससे उन्होने इंकार किया और परीक्षण किए जाने की मांग की। अभियोजन पक्ष की ओर से गवाह मो. कयूम, इम्तियाज हुसैन उर्फ कल्लू, सरफराज हुसैन तथा लक्ष्मण राय को परीक्षित कराया गया। अभियोजन की ओर से अन्य साक्षी परीक्षित नहीं कराए गए। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। यदि अभियुक्तगण पूर्व में जेल में रहे है तो उनके द्वारा पूर्व में जेल में व्यतीत की गई अवधि उक्त दंड में समायोजित की जायेगी ।