उत्तर प्रदेश,
श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद विधेयक-2022 को विधान मण्डल में प्रस्तुत किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत
न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेंसी)
यूपी मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन हेतु उत्तर प्रदेश श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद विधेयक-2022 को विधान मण्डल में प्रस्तुत किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। मंत्रिपरिषद द्वारा प्रश्नगत प्रायोजना के सम्बन्ध में अग्रतर आवश्यक निर्णय लेने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत भी किया गया है।
ज्ञातव्य है कि नैमिषारण्य की समस्त प्रकार की सांस्कृतिक, पारिस्थितिकीय तथा स्थापत्य सम्बन्धी विरासत की सौन्दर्यपरक गुणवत्ता को परिरक्षित, विकसित तथा अनुरक्षित करने की योजना तैयार करने, ऐसी योजना के क्रियान्वयन का समन्वय एवं अनुश्रवण करने और क्षेत्र में एकीकृत पर्यटन विकास तथा विरासत-संरक्षण एवं प्रबन्धन हेतु संगत नीतियां विकसित करने तथा इस विषयक किसी योजना, परियोजना या किसी विकासगत प्रस्ताव के सम्बन्ध में परामर्श एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के लिये श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन किया जाना प्रस्तावित है।
इसका विस्तार उत्तर प्रदेश में राजस्व जिला सीतापुर/हरदोई के भीतर स्थित नैमिषारण्य क्षेत्र में होगा। नैमिषारण्य के अधीन क्षेत्र में सीतापुर के छत्तीस ग्राम सम्मिलित हैं, जिसका क्षेत्रफल 8511.284 हेक्टेयर है और जिसमें ग्यारह गंतव्य स्थान सम्मिलित हैं, जिसमें से सात गंतव्य स्थान जिला सीतापुर के अधीन आते हैं। यह कोरोना, जरीगवां, नैमिषारण्य, देवगंवा, मदरूवा, कोलूहता बरेठी और मिश्रीट हैं। चार अवस्थान जिला हरदोई के अधीन आते हैं, जो हरैया, नगवा कोठावां, गीरधरपुर उमरारी और साक्षी गोपालपुर हैं। सम्पूर्ण परिपथ 209 मील अथवा 84 कोस का है। छत्तीस ग्राम-अर्वापुर, सहसामऊ, ठाकुरनगर, लकैरामऊ बीठौली, नरसीधौली, मधवापुर, नरायनपुर, परसौली, सनजराबाद, घरवासपारा कला, घरवासपारा खुर्द, मिश्रीख, सरैयबीबी, जसरायपुर, करमैसपुर, लक्षरपुर, रूपपुर, ऊतरधौना, खरगपुर, कल्ली, लोकनापुर, करखीला, मरैली, तरसवां, लोहगांपुर, बीजगरांट, बीनौरा, भानपुर, अटवा, मनिकापुर, लेखनपुर, लक्ष्मणनगर, नैमिषारण्य, भैरमपुर और अजीजपुर हैं।
मुख्यमंत्री परिषद के अध्यक्ष तथा पर्यटन मंत्री परिषद के उपाध्यक्ष होंगे। मुख्यमंत्री द्वारा परिषद के कार्यपालक उपाध्यक्ष को नियुक्त किया जाएगा।
प्रमुख सचिव पर्यटन परिषद के पदेन सहसंयोजक होंगे। आवास एवं नगर नियोजन, वित्त, संस्कृति, धमार्थ कार्य, नगर विकास, परिवहन, वन एवं जलवायु परिवर्तन, लोक निर्माण विभागों के प्रमुख सचिव व मण्डलायुक्त लखनऊ, जिला मजिस्ट्रेट सीतापुर, कार्यपालक अधिकारी नैमिषारण्य नगर पालिका परिषद तथा मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक उत्तर प्रदेश, परिषद के पदेन सदस्य होंगे।
परिषद का मुख्य कार्यपालक अधिकारी सदस्य सचिव होगा। मुख्य कार्यपालक अधिकारी राज्य सरकार के विशेष सचिव की श्रेणी से अनिम्न अधिकारियों में से राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा नैमिषारण्य क्षेत्र के विरासत के संरक्षण का ज्ञान, अनुभव, अभिदर्शन तथा तद्निमित्त कृत प्रयासों के ट्रैक अभिलेख वाले ऐसे 05 व्यक्ति राज्य सरकार के परामर्श से अध्यक्ष द्वारा परिषद के लिए नाम निर्दिष्ट किये जाएंगे।
01 करोड़ रुपये या उससे अधिक का दान करने वाले दानकर्तागण, परिषद के अनुमोदन से 03 वर्ष की अवधि के लिए नाम-निर्दिष्ट सदस्य के रूप में विचार किये जाने हेतु पात्र होंगे। परिषद की कार्यपालक समिति एवं नियोजन तथा विकास समिति भी होगी। परिषद का मुख्यालय सीतापुर में होगा।इस प्रायोजना से नैमिषारण्य की पहचान अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सकेगी तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होगा।