डीएम ने बहुद्देशीय पशु चिकित्सा सचल वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना ,आज से पशुओं को लगाया जायेगा खुरपका-मुंहपका का टीका

कौशाम्बी,

डीएम ने बहुद्देशीय पशु चिकित्सा सचल वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना ,आज से पशुओं को लगाया जायेगा खुरपका-मुंहपका का टीका,

यूपी के कौशाम्बी डीएम मधुसूदन हुल्गी ने कलेक्ट्रेट परिसर से जनपद के समस्त बहुद्देशीय पशु चिकित्सा सचल वाहनों को टीकाकरण सहित हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 ए0 के0 सागर उपस्थित रहे।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय पशु रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत दिनांक 15 जुलाई 2024 से खुरपका-मुंहपका टीकाकरण अभियान का चतुर्थ चरण जनपद में प्रारम्भ किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद में समस्त गौवंशी पशु (176495) एवं महिषवंशीय पशु (364403) का टीकाकरण किया जाना है (04 माह से छोटे एवं 08 माह से ऊपर ग्याभन पशुओं को छोड़कर)।

खुरपका-मुंहपका एक विषाणु जनित संक्रामक रोग है, जिसके संक्रमण में आ जाने के उपरान्त पशु को तेज बुखार आता है, मुंह से लार गिरती है, मुंह एवं पैरों में छाले पड़ जाते है, पशु चारा खाना छोड़ देता है, दुग्ध उत्पादन घटते-घटते शून्य हो जाता है। ग्यावन पशु बच्चा गिरा देता है और अगर सही समय पर उपयुक्त इलाज नही दिया गया तो पशु की मौत भी हो जाती है। इस रोग से विदेशी नस्ल की गाय ज्यादा प्रभावित होती है।

इस रोग से बचाव के लिए टीकाकरण मात्र एक रास्ता है। राष्ट्रीय पशु रोग नियन्त्रण कार्यक्रम,जो केन्द्र सरकार द्वारा पोषित है एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित है। समस्त पशु पालकों के द्वार पर उनके पशुओं का नि:शुल्क टीकाकरण किया जाता है। इस कार्यक्रम में टीकाकरण से पूर्व कान में छल्ला डलवाना अनिवार्य है। टीकाकरण उपरान्त टीम द्वारा पशुओं में किये गये टीकाकरण को “भारत पशुधन एप” पोर्टल पर अपलोड किया जाना है, जिसके उपरान्त ही टीकाकरण कर्मी को उसके मानदेय दिये जाने का प्राविधान है।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने जनपद के समस्त पशुपालकों से अनुरोध किया है कि पशुपालन विभाग द्वारा चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत,जो 45 दिनों तक चलेगा, इस अभियान के दौरान टीका कर्मियों का सहयोग करते हुये अपने समस्त पशुओं में टीका लगवाये एवं टीकाकरण कार्य से पूर्व ईयर टैग (छल्ला) अवश्य लगवायें। इसके साथ ही अपने गाँव में टीकाकरण की तारीख जानने के लिए अपने ग्राम प्रधान अथवा विकास खण्ड पर स्थित पशु चिकित्साधिकारियों से सम्पर्क करें।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor