ईंट भट्ठा श्रमिकों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन,सूचना के बाद भी नहीं आए श्रम प्रवर्तन अधिकारी

कौशाम्बी,

ईंट भट्ठा श्रमिकों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन,सूचना के बाद भी नहीं आए श्रम प्रवर्तन अधिकारी,

यूपी के कौशाम्बी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में मंगलवार को जय माँ शारदा ब्रिक फील्ड (मनीष ब्रिक फील्ड) घूरी पर डीहा, तहसील-चायल जनपद-कौशाम्बी में श्रमिकों के अधिकार, बालश्रम व शोषण के विरुद्ध अधिकार, विषय पर साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड बनवाने के लिए जागरूक किया गया।तहसीलदार चायल पुष्पेन्द्र गौतम ने ईंट भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा कि  सभी असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले निर्माण मजदूरों के साथ-साथ प्रवासी श्रमिक, रेहड़ी-पटरी वाले और घरेलू कामगार आदि सभी अपना ई-श्रम कार्ड जरुर बनवाएं। ई-श्रम कार्ड पूरे देश में हर जगह वैध रहेगा। ई-श्रम कार्ड जीवन भर के लिए मान्य है। इसके रिन्युअल की कोई आवश्यकता नहीं है। इसलिए आप सभी लोग ई श्रम कार्ड अवश्य बनवाएं।किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तहसील विधिक सेवा समिति के कार्यालय में प्रत्येक कार्य दिवस पर उपस्थित पीएलवी से संपर्क करके भी समाधान करवा सकते हैं।

ईंट भट्ठा श्रमिकों के अधिकार व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के बारे में बताते हुए मुख्य अतिथि अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी पूर्णिमा प्रांजल ने कहा कि ई-श्रम कार्ड, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए बनाया जाता है। ई-श्रम कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाता है। इसके लिए आधार कार्ड, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट नंबर होना ज़रूरी है। ई-श्रम कार्ड बनवाने के लिए, कोई शुल्क नहीं देना होता।ई-श्रम कार्ड बनवाने के बाद, श्रमिक अन्य सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठा सकते हैं, श्रमिकों को स्वास्थ्य बीमा का भी लाभ मिलता है।

ईंट भट्ठा श्रमिकों के लिए उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड गठित है। श्रमिकों के लिए मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना, संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना, अटल आवासीय विद्यालय योजना, आवासीय विद्यालय योजना, आपदा राहत सहायता योजना, गम्भीर बीमारी सहायता योजना, निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना संचालित हैं।

मजदूरों ने बताया कि अगर उनके क्षेत्र में ही काम मिलने लगे तो उनको इस तरह की स्थितियों में न रहना पड़े। यहां न तो शौचालय की व्यवस्था होती है, न ही साफ पानी की। सुरक्षा-व्यवस्था और दवा का प्रबंध भी नहीं होता।खुले आसमान के नीचे कच्ची ईंटों की झोपड़ी बनाकर रहना पड़ता है।

लोगों ने बताया कि आयुष्मान कार्ड या ई श्रम कार्ड कुछ ही लोगों के पास हैं, अधिकांश लोगों के पास इनमें से कोई कार्ड नहीं हैं। हममें से जिनके पास है उनको कोई लाभ नहीं मिल पाता। हमारे पास न तो श्रमिक कार्ड हैं न तो कहीं कोई विवरण दर्ज है। श्रमिक कार्ड बनवाने के लिए मजदूरी छोड़ कर जाना पड़ेगा, उसके बाद भी उसका लाभ मिल पाए, यह पता नहीं है।

श्रम प्रवर्तन अधिकारी को पूर्व में ही सूचना दी गई थी पर न तो वे और न ही उनके विभाग का कोई जिम्मेदार कर्मचारी/अधिकारी आया। उनके विभाग का कहना है कि जिले में सभी के ई श्रम कार्ड बने हैं पर बहुत से ऐसे श्रमिक मिले जिनका कार्ड अभी नहीं बना है। सचिव ने उपस्थित पीएलवी को श्रमिकों पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करने लिए कहा। सचिव ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जाने वाली निःशुल्क सेवाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर क्षेत्रीय लेखपाल रवि कुमार, पीएलवी गण डॉ. नरेन्द्र दिवाकर, ममता, अमरदीप दिवाकर एवं नीलेश चौधरी सहित ईंट भट्ठा पर काम करने वाले श्रमिक (पथेरा, ढोईदार, बेलदार, कोयला तोड़ने-झोंकने वाले आदि) सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor