निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग के कर्मचारियों ने की बैठक, 21 से करेंगे प्रदर्शन, 29 से अनिश्चितकालीन हड़ताल

कौशाम्बी,

निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग के कर्मचारियों ने की बैठक, 21 से करेंगे प्रदर्शन, 29 से अनिश्चितकालीन हड़ताल,

पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में मंगलवार को पूरे प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इसी के क्रम में मंगलवार को मंझनपुर पावर हाउस में भी बिजली विभाग के कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की कौशाम्बी इकाई ने प्रदर्शन करते हुए पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन पर आंकड़ों में फर्जीवाड़ा कर घाटा बढ़ाकर दिखाने और निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बैठक में निर्णय लिया कि 21 से 28 मई तक सभी जनपदों और परियोजनाओं पर रोजाना दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन होगा। इसके बाद 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू किया जाएगा। इस बीच समिति के केंद्रीय पदाधिकारी पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे।

समिति ने दावा किया कि चार दिन में ही एआरआर में घाटा 9206 करोड़ से बढ़ाकर 19600 करोड़ रुपये दिखा दिया गया, जो अपने आप में असामान्य है। आगरा का उदाहरण देते हुए कहा गया कि वहां भी निजीकरण से पहले घाटा बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया था, जिससे पावर कॉरपोरेशन को हर साल 274 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

संघर्ष समिति ने मांग की है कि चेयरमैन सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट करें कि निजीकरण के बाद उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलेगी या नहीं। समिति का कहना है कि जारी किए गए आंकड़े भ्रामक हैं और निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार किए गए हैं।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor