कौशाम्बी का श्रवण कुमार जो अपने ही दिब्यांग माता पिता के लिए बन गया अभिशाप,भूखे मर रहे दिव्यांग माता पिता

कौशाम्बी,

कौशाम्बी का श्रवण कुमार जो अपने ही दिब्यांग माता पिता के लिए बन गया अभिशाप,भूखे मर रहे दिव्यांग माता पिता,

त्रेता युग के श्रवण कुमार ने अपने नेत्रहीन माता-पिता को कांवर में बैठाकर तीर्थ यात्रा कराई थी और समाज में आदर्श स्थापित किया था, लेकिन कौशाम्बी में कलियुग का श्रवण कुमार अपने मां-बाप के लिए ही अभिशाप बना हुआ है, दिब्यांग माता पिता की सेवा करने की बात तो छोड़िए,वह दो लाख नकद अथवा 12 हजार रुपया महीना और 35 किलो अनाज की मांग कर रहा आहे जिसके लिए अपने ही नेत्रहीन माता- पिता को परेशान रहा है। पूरी संपत्ति पर कब्जा करने में लगा हुआ है।परेशानी अधिक हो गई तो लाचार मां ने सोमवार को एसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है।

मामला नगर पालिका परिषद भरवारी का वार्ड नंबर 16 डॉक्टर राजेंद्र नगर गौरा रोड का है जहा की सुनीता देवी और उनके पति सुरेम चंद्र दिव्यांग हैं। उनकी आंख खराब है। सुरेम चंद्र का हाथ और आंख खराब है। सुनीता के एक बेटे की पांच साल पहले मौत हो चुकी है। अब इकलौता बेटा अनिल ही है। दो साल पहले अनिल की शादी कर दी गई थी। शादी के बाद से ही सुनीता व उसके पति सुरेम चंद्र का जीना दुश्वार हो गया है।

सोमवार को एसपी को शिकायती पत्र देते हुए सुनीता देवी ने बताया कि उसकी पूरी संपत्ति पर बेटे ने कब्जा कर लिया है। रहने के लिए एक कमरा दिया है। अब वहां से भी भगाने पर आमादा है।उनके बेटे अनिल का कहना है कि साल में उसको दो लाख रुपया व 35 किलो अनाज चाहिए। यदि रुपया व अनाज नहीं दिया गया तो वह दोनों को भगा देगा। इसका माता-पिता ने विरोध किया तो उनको बेटे व बहू ने मारा पीटा। स्थानीय पुलिस से शिकायत की गई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। एसपी ने इंस्पेक्टर कोखराज को मामले की जांच की जिम्मेदारी दी है।

इस मामले में दिब्यंग सुरेम चंद्र से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दो साल से वह कोई काम नही कर पा रहे है,और उनके एक बेटे की मौत हो चुकी है,दूर बेटा ही एकमात्र सहारा है,वह भी धोखा दे रहा है और परेशान कर रहा है,वह पति पत्नी भूखे मरने को है, केक न कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है।

वही इस मामले में दिब्यांग माता पिता के बेटे अनिल और बहु लालमनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अब उनके पिता कोई काम नही करते,वह खुद मजदूरी करने प्रयागराज जाता है,इस लोगों कई लोन के रखा था जिसे वह कमा कमा कर भर रहा है,वही वाले माता पिता ने खुद ही उन्हें एक कमरा दे रखा है,दूर कमरे में बकरी बांधा रखी है,और खुद वह लोग एक पूरे मकान प्रधानमंत्री आवास में रह रहे है।एक कमरे में पति पत्नी का काम नहीं चल पा रहा है।बेटे और बहु ने माता पिता द्वारा लगाया गया आरोप आधारहीन बताया।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor