मनमानी:हफ्ते भर से बंद अन्ना मवेशियों को गौशाला में सुरक्षित न करने पर किसानों में आक्रोश,बीडीओ के पत्र को भी ईओ,अध्यक्ष ने किया नजर अंदाज

कौशाम्बी,

हफ्ते भर से बंद अन्ना मवेशियों को गौशाला में सुरक्षित न करने पर किसानों में आक्रोश,बीडीओ के पत्र को भी ईओ ,अध्यक्ष ने किया नजर अंदाज,अध्यक्ष ने ग्रामीणों को पशु वाहन देने से किया इंकार कहा कि यह नगर पालिका क्षेत्र के बाहर का मामला

यूपी के कौशाम्बी जिले में किसान इन दिनों खेतों में घूम रहे रहे अन्ना मवेशियों से परेशान है। किसानों का आरोप है कि दिन रात खेत की रखवाली करने के बाद भी अन्ना मवेशियों का झुंड आता है और खेती और फसल को नष्ट कर चला जाता है। ऐसे में किसानों के दिन रात जागने का कोई मतलब सिद्ध नही हो रहा है,यही नहीं शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अनजान बने बैठे है।

इसी से परेशान हफ्ते भर पहले सिराथू ब्लाक के उलाचूपुर ग्राम पंचायत के मजरा खालिसपुर जरौहा गांव के किसानों ने गाँव में घूम रहे अन्ना मवेशियों से खेतों को बचाने के लिए गांव के ही एक सरकारी कब्रिस्तान में सभी को एकत्रित कर बंद कर दिया। इस बात की खबर ग्राम पंचायत सचिव ने प्रार्थना पत्र के माध्यम से खण्ड विकास अधिकारी सिराथू को देते हुए बताया कि निराश्रित गोवंश को पकड़ कर किसी नजदीकी गौआश्रम में संरक्षित कराया जाए ।

इस बात की जानकारी होने के बाद 7 जनवरी को खण्ड विकास अधिकारी सिराथू ने ईओ नगर पालिका परिषद भरवारी से अनुरोध करते हुए कैटेल कैचर पशु वाहन को मय गाड़ी संचालक के साथ ग्राम पंचायत उलाचूपुर से गौवंशो को पकड़ कर ग्राम बरियांवा विकास खंड नेवादा में संचालित अस्थायी गौशाला में सुरक्षित करायें जाने का लिखित निर्देश दिया। आदेश को देखते हुए नगर पालिका भरवारी के पशु वाहन ने एक चक्कर लगाया ,जिसमें आधा दर्जन गोवंशो को गौशाला में किसानो की मदद से सुरक्षित भेजा गया।

शेष बचे दो दर्जन गौवंशो के लिए ईओ भरवारी ने किसानों को पशु वाहन देने से इंकार करते हुए कहा कि यह पशु वाहन से नगर पालिका अध्यक्ष जी की होर्डिंग लगाया जा रहा है। जिसके चलते अब ये वाहन नही दिया जायेगा। इस पर नाराज ग्रामीणों ने जब नगर पालिका अध्यक्ष कविता पासी से बातचीत की तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह उलाचूपुर गाँव हमारे नगर पालिका क्षेत्र से बाहर है। इसलिए वाहन भेजना सम्भव नही है।

जब किसानों ने कहा कि पशु वाहन प्रदेश सरकार ने अन्ना जानवरों को संरक्षित करने के लिए भेजा है। तो अध्यक्ष ने ग्रामीणों को डांटकर भगा दिया। नाराज किसान घनश्याम, संतलाल माहिरभाई , बबलू , नीलेश, मनीष, खेताई ,करन ,राममिलन , रामभवन, चुलबुल , कल्लू, बिद्दा प्रसाद ,रूपचंद्र,पप्पु ,विलास , महेन्द्र, मामा, गोले, फूल चंद, रोहित, सुरेश, ठाकुर आदि लोगों ने डीएम मधुसूदन हुल्गी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए बचे हुए मवेशियों को गौशाला में सुरक्षित रखने की मांग की है।

 

एकत्रित किये गये अन्ना मवेशी की देखरेख के लिए किसानों ने बांधी सिफ्ट

हफ्ते भर से एक ही स्थान पर एकत्रित अन्ना मवेशी की देखरेख के लिए किसानों ने सिफ्ट बांध रखी है। जिसमें तीन गाँव के ख़ालिसपुर व संगेती गाँव के लोग सुबह 6 से 12 बजे तक और उलाचूपुर गाँव के लोग दोपहर 12 से शाम 6 बजे देख रेख करते है।‌ ये इस प्रकार

1-घनश्याम रात्रि 9 से 12 बजे

2-संतलाल रात्रि 9 से 12 बजे

3-माहिरभाई रात्रि 9 से 12 बजे

4-बबलू रात्रि 9 से 12 बजे

5-नीलेश रात्रि 9 से 12 बजे

6-मनीष. रात्रि 9 से 12 बजे

7-खेताई रात्रि 9 से 12 बजे

8-करन. रात्रि 9 से 12 बजे

9-राममिलन. रात्रि 12 से 3 बजे

10-रामभवन. रात्रि 12 से 3 बजे

11-चुलबुल. रात्रि 12 से 3 बजे

12-कल्लू. रात्रि 12 से 3 बजे

13-बिद्दा प्रसाद. रात्रि 12 से 3 बजे

14-रूपचंद्र. रात्रि 12 से 3 बजे

15-पप्पु रात्रि 12 से 3 बजे

16-विलास रात्रि 12 से 3 बजे

17-महेन्द्र. रात्रि 3 से 6 बजे

18-मामा. रात्रि 3 से 6 बजे

19-गोले. रात्रि 3 से 6 बजे

20-फूल चंद्र रात्रि 3 से 6 बजे

21-गुलब रात्रि 3 से 6 बजे

22-रोहित रात्रि 3 से 6 बजे

23-सुरेश. रात्रि 3 से 6 बजे

24- ठाकुर. रात्रि 3 से 6 बजे

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor