कौशाम्बी,
भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर एडीएम को सौंपा ज्ञापन,जिलाध्यक्ष के ऊपर लगे मुकदमे को हटाने की मांग की,
यूपी के कौशाम्बी जिले में भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) ने गुरुवार को मंझनपुर के डायट मैदान में महापंचायत कर सरकार और प्रशासन पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया। महापंचायत में संगठन के नेताओं ने कहा कि किसानों, मजदूरों और आम जनता की बुनियादी समस्याओं की ओर प्रशासनिक अमला कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। कार्यक्रम के बाद किसानों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और 15 सूत्रीय मांगों के शीघ्र समाधान की मांग की।इस दौरान नेताओं ने डीएम,एसपी से जिलाध्यक्ष नरेंद्र पांडे पर जबरन दर्ज कराए गए मुकदमे को समाप्त करने की पुरजोर मांग की।
महापंचायत में वक्ताओं ने कहा कि चायल क्षेत्र की भारतीय स्टेट बैंक शाखा में ट्रेजरी चालान जमा कराने की सुविधा न होने से लोगों को 40 किलोमीटर दूर मंझनपुर आना पड़ता है, जो बेहद कठिन है। इसी तरह चायल स्थित यूनानी अस्पताल जर्जर हालत में है, जिसके स्थान पर नया भवन तत्काल बनवाया जाना चाहिए। बड़ा पिपरहटा गांव में सरकारी नलकूप लगाने की मांग भी दो साल से लंबित है। ग्रामीणों ने यहां तक कि जमीन दान में दी है, लेकिन सिंचाई विभाग केवल जांच तक सीमित होकर किसानों को बरगलाता रहा है।
गांवों के विकास कार्यों का मुद्दा भी महापंचायत में जोर-शोर से उठा। किसानों ने बड़ा पिपरहटा में कच्चे रास्ते की जगह इंटरलॉकिंग सड़क बनाने, हरदुआ खास, बिदनपुर ककोड़ा और महमदपुर कछार में जल जीवन मिशन के तहत बनी टंकियों से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग उठाई। साथ ही गुडिया तालाब पर दबंगों द्वारा किए जा रहे अवैध कब्जे को तत्काल ध्वस्त कराने की भी मांग की गई।
सीएचसी चायल जाने वाले मुख्य मार्ग की बदहाल स्थिति को लेकर भी किसानों ने नाराजगी जताई। कहा गया कि सड़क की जर्जर हालत के कारण मरीजों को अस्पताल ले जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बिदनपुर ककोड़ा में प्रस्तावित गौशाला के लिए अब तक जमीन चिन्हित न होने और आवारा पशुओं से किसानों की फसलों को हो रहे नुकसान को गंभीर समस्या बताया गया।
रेलवे पुल पर जलभराव से पैदल चलने वाले ग्रामीणों की जान जोखिम में पड़ने, पाइपलाइन डालने के बाद रास्तों की मरम्मत न होने और उलाचीपुर सगेती गांव में प्राथमिक विद्यालय न होने जैसी समस्याओं को भी महापंचायत में प्रमुखता से उठाया गया। इसके अलावा किसानों ने समितियों पर यूरिया और डीएपी खाद की भारी किल्लत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकारी गोदामों से खाद न मिलने के कारण वे महंगे दामों पर निजी दुकानों से खाद खरीदने को मजबूर हैं।
महापंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) के राष्ट्रीय महासचिव अशोक मिश्रा ने कहा कि किसानों को उनकी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। सरकार बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। अगर हमारी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो किसान आंदोलन के लिए सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।
वहीं, जिलाध्यक्ष नरेंद्र पांडेय ने कहा कि ग्रामीण आज भी खराब सड़क, टूटी स्वास्थ्य व्यवस्था और खाद की किल्लत से परेशान हैं। समितियों पर खाद न मिलने के कारण किसानों को महंगे दामों पर खाद खरीदना पड़ रहा है। प्रशासन को चाहिए कि वह किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेकर तुरंत समाधान करे, अन्यथा आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
ज्ञापन सौंपते समय राष्ट्रीय महासचिव अशोक मिश्रा, पूर्वी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पांडेय, जिलाध्यक्ष राजकुमार यादव, लखनऊ जिलाध्यक्ष नरेंद्र कुमार पांडेय समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।