संतान का, अपने माता-पिता का भरण-पोषण करना विधिक दायित्व- पूर्णिमा प्रांजल

कौशाम्बी,

संतान का, अपने माता-पिता का भरण-पोषण करना विधिक दायित्व- पूर्णिमा प्रांजल,

यूपी के कौशाम्बी जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में घोषिया,सराय अकिल में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पूर्णिमा प्रांजल ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं,अपराध के पीड़ितों के लिए क्षतिपूर्ति योजना, पीड़ित द्वारा क्षतिपूर्ति के लिए प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अपने छोटे-छोटे मुकदमों का हल वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति के जरिए करें।

उन्होंने कहा कि वृद्धजनों को कोई समस्या हो,तो वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में जाकर या तहसील स्तर पर बने लीगल एड क्लीनिक में कार्यरत पीएलवी से संपर्क कर अपना शिकायती आवेदन दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि संतान का अपने माता- पिता का भरण-पोषण करना विधिक दायित्व है, ऐसा न करने पर 03 माह का कारावास या 05 हजार जुर्माना या दोनों हो सकता है। उन्होंने कहा कि तीन लाख सालाना से कम आय वालों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है, जिसके तहत मुकदमा से जुड़ा सारा खर्च विधिक सेवा प्राधिकरण वहन करता है।

इसके साथ ही प्राधिकरण द्वारा वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति के तहत सुलह समझौते के लायक विवादों के समाधान के लिए समय-समय पर लोक अदालत का भी आयोजन किया जाता है। किन्हीं भी सरकारी योजनाओं के लाभ में आने वाली किसी भी समस्या के समाधान के लिए भी आप हमारे पीएलवी से या कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने इसके साथ ही अतिरिक्त राष्ट्रीय और राज्य जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदत्त सेवाओं और योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।

कार्यक्रम में डॉ. नरेन्द्र दिवाकर ने वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित सम्मेलनों अभिसमयों, उपलब्ध प्रावधानों, भारतीय संविधान, व्यक्तिगत विधियों, दण्ड प्रक्रिया संहिता और माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम-2007 में दिए गए प्रावधानों व वरिष्ठ नागरिकों के बारे में सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और उनको मिलने वाली सहूलियतों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।

तहसीलदार, चायल पुष्पेन्द्र गौतम ने कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए तहसील में स्थित लीगल एड क्लीनिक में जाकर या उनसे संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं या फिर उनसे भी संपर्क कर अपनी शिकायत कर सकते हैं। उन्होंने कई गंभीर बीमारियों के लिए भी सरकार द्वारा सांसद, विधायक व विधान परिषद सदस्य आदि जनप्रतिनिधियों के माध्यम से दी जाने वाली सहायता के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्रदान किया।

शिविर में वीणा रानी केस वर्कर सखी वन स्टॉप सेंटर ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, स्पॉन्सरशिप योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, निराश्रित योजना तथा सविता देवी परामर्शदाता (सीएचएल) जिला प्रोबेशन कार्यालय द्वारा चाइल्ड लाइन नंबर 1098 और महिला हेल्पलाइन नंबर 181 के बारे में जानकारी प्रदान की।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor