कौशाम्बी,
डॉ. ए.एच.रिज़वी डिग्री कॉलेज में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया हिंदी दिवस,
यूपी के कौशाम्बी जिले के डॉ. ए.एच.रिज़वी डिग्री कॉलेज करारी में हर्षोल्लास के साथ हिंदी दिवस मनाया गया,इस अवसर पर छात्र छात्राओं द्वारा भाषण, डिबेट, कविता पाठ, निबंध लेखन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र, छात्रों एवं शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया l
महाविद्यालय के प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ.राजेश सक्सेना ने वरिष्ठ शिक्षकों के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता की। हिंदी के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार वर्मा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए अपने वक्तव्यों से कार्यक्रम में समा बांध दिया l
महाविद्यालय के प्रबंधक कर्रार हुसैन रिजवी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो अपनी विविधताओं में एकता के लिए जाना जाता है। यहां सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं, जिनमें से हिंदी देश की सबसे ज्यादा बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हर साल 14 सितंबर का दिन पूरे देश में हिंदी दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेश सक्सेना ने बताया कि हिंदी दिवस का मकसद सिर्फ एक ऐतिहासिक तारीख को याद करना भर नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई कारण हैं- जैसे जागरूकता बढ़ाना, भाषा का विकास और प्रोत्साहन एवं हिंदी के लिए गर्व की भावना पैदा करना आदि l
हिंदी के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि दुनियाभर में हिंदी तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। भारत की स्वतंत्रता के बाद देश के सामने एक बहुत बड़ा सवाल था – राष्ट्रभाषा का हमें एक ऐसी भाषा की जरूरत थी जो पूरे देश को एक सूत्र में बांध सके। हिंदी, जिसे एक विशाल जनसंख्या द्वारा बोला और समझा जाता था, इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार थी।
इसी कड़ी में, 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया। इस दिन, संविधान के निर्माताओं ने अनुच्छेद 343 के तहत यह तय किया कि देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा होगी। इस फैसले ने हिंदी को देश की पहचान और प्रशासनिक कार्यों का केंद्र बिंदु बना दिया। इसी फैसले के कारण देश के तत्कालिन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1953 में पहली बार 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की और तब से लेकर आज तक यह सिलसिला जारी है।
महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य एवं विभागाध्यक्ष उर्दू डॉ. शमशाद हैदर जैदी, सहायक आचार्य उर्दू जीनत जेहरा, सहायक आचार्य रसायन शास्त्र ललित शुक्ला एवं सहायक आचार्य मनोज कुमार ने अपनी बातों गजलों एवं गीतों से छात्र-छात्राओं को मंत्र मुग्ध कर दिया l
कार्यक्रम में दिव्या जायसवाल एवं रेखा ने सरस्वती बंदना, अंजली देवी, सृष्टि एवं पूनम कुमारी ने स्वागत गीत, काजल देवी बी. ए . प्रथम सेमेस्टर भाषण एवं कुंदन सिंह यादव बी.ए. तृतीय सेमेस्टर ने अपनी कविताओं से अपने सथी छात्र एवं छात्राओं की वाहवाही लूटी l पूरे कार्यक्रम को महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. मदन मोहन मिश्र ने अपने कैमरे में कैद किया l कार्यक्रम के अंत में डॉ. अशरफ अब्बास विभागाध्यक्ष जंतु विज्ञान ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया l
इस अवसर पर डॉ. कै. अबूतलहा अंसारी, डॉ. अशरफ अब्बास, डॉ. एम पी पटेल, डॉ. मुकुंद देव द्विवेदी, डॉ. शैला भारती, डॉ. जितेंद्र कुमार वर्मा, डॉ. मोहित त्रिपाठी, डॉ. सरफराज खान, मुकेश कुशवाहा, सुनील अग्रहरि,अवधेश मिश्रा, राकेश यादव, नीतू मिश्रा, रश्मि सिंह, ममता, राजेश कुमार, मटीन खान, गुलनाज नकवी, विजय बहादुर, समीरा बानो, राजेंद्र कुमार, आनंद गुप्ता, शोएब रिजवी, तौकीर अहमद एवं ऑफिस स्टॉफ में बेलाल अहमद, शम्स हैदर, शैलेन्द्र त्रिपाठी, सुनील श्रीवास्तव, तौफीक सिद्दीकी, जफरुल हसनैन, निसार अहमद, श्रवण मिश्रा, महेश चंद दुबे एवम् गुलनाज फातिमा आदि मौजूद रहे l