उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लि0 लखनऊ ने टेम्परिंग करने वालों के प्रयास को किया फेल, अभियुक्त को हुई जेल

लखनऊ,

उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लि0 लखनऊ ने टेम्परिंग करने वालों के प्रयास को किया फेल, अभियुक्त को हुई जेल,

न्यूज़ ऑफ इंडिया ( एजेंसी )

कुछ व्यक्तियों द्वारा 15 अक्टूबर 2022 को उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लखनऊ के कम्प्यूटर सिस्टम को टेम्परिंग करने का प्रयास किया गया, किन्तु बैंक द्वारा तत्परता से त्वरित कार्रवाई करते हुए टेम्परिंग का प्रयास करने वालों के मन्सूबों को नाकाम कर दिया गया तथा बैंक की कुल धनराशि रू0 146.00 करोड़ को फ्रीज कर सुरक्षित कर लिया गया था।  इस तरह टेम्परिंग करने वालों के फ्रॉड करने के प्रयास को विफल कर दिया गया।

यह जानकारी सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे0पी0एस0 राठौर ने दी।उन्होंने बताया कि बैंक द्वारा घटना के समय ही रू0 146.00 करोड़ में से रू0 74.00 करोड़ को अन्य बैंकों में जाने से रोक लिया गया था, जो बैंक के पास सुरक्षित रही।  शेष रू0 72.00 करोड़ में से रू0 30.00 करोड़ एचडीएफसी बैंक में तथा रू0   42.00 करोड़ आईसीआईसीआई बैंक के खातों में ट्रान्सफर हुआ था।  एचडीएफसी बैंक द्वारा पूरी धनराशि रू0 30.00 करोड़ उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक को वापस कर दी गयी है तथा आईसीआईसीआई बैंक द्वारा रू0 42.00 करोड़ में से रू0 41.30 करोड़ उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक को वापस कर दी गयी है।  इस प्रकार कुल रू0 71.30 करोड़ की धनराशि बैंक को वापस प्राप्त हो गयी है, शेष धनराशि वापसी की प्रक्रिया में है, जो शीघ्र ही प्राप्त कर ली जायेगी।

उन्होंने बताया कि घटना की एफ0आई0आर0 16 अक्टूबर, 2022 को साइबर थाना गोमतीनगर लखनऊ में करायी गयी थी। साइबर क्राइम के आला अधिकारियों द्वारा तत्काल एक्शन लेते हुए मामले की जाँच शुरू कर दी गयी थी, जिसमें साइबर सेल द्वारा  इन्दिरानगर लखनऊ निवासी आर0एस0 दुबे एवं सुख सागर चौहान का गिरफ्तार कर लिया गया है।उन्होंने बताया कि अभी प्रकरण की जाँच चल रही है और इसमें जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। श्री राठौर ने कहा कि किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार या गबन कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सहकारिता मंत्री ने विभागीय अधिकारियों द्वारा पैसे वापसी के लिए किए गए कठिन प्रयास एवं एचडीएफसी व आईसीआईसीआई बैंक के प्रबन्धन/अधिकारियों को इस कार्य में सहयोग प्रदान करने के लिए तथा पुलिस प्रशासन द्वारा बैंक की धनराशि वापसी एवं जांच कर दोषियों को पकड़ने में जो तत्परता दिखाई उसकी भी सराहना की।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor