उत्तर प्रदेश,
गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता- धर्मपाल सिंह,
न्यूज ऑफ़ इंडिया (एजेन्सी)
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में टीम-09 के साथ निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थलों पर पहुंचाने हेतु माह नवंबर और दिसंबर में की गई कार्यवाही की समीक्षा की।
इस अभियान के तहत 204391 निराश्रित गोवंश का संरक्षण किया गया। 448 अस्थायी गोआश्रय स्थल का नवनिर्माण कराया गया और 734 अस्थायी गोआश्रय स्थलों का विस्तारीकरण किया गया। पशुधन मंत्री ने निर्देश दिये कि 25 जनवरी, 2024 तक अभियान चलाकर अस्थायी नये गोआश्रय स्थलों के निर्माण कार्य एवं विस्तारीकरण कार्य के लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूर्ण किया जाय।
पशुधन मंत्री ने अधिकारियों से जनपदों में गो संरक्षण कार्यों की रिपोर्ट लेते हुए विस्तृत जानकारी प्राप्त की और जनपद अलीगढ़, आगरा, बाराबंकी, जालौन एवं सुल्तानपुर जनपद के कार्यों की सराहना की। उन्होंने सख्त रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि गौ स्थलों पर गौवंश के ठंड से बचाव एवं सुरक्षा हेतु सभी व्यापक इंतजाम किए जाएं और ठंड से किसी भी गोवंश की मृत्यु न होने पाए, और अलाव जलाते समय सुरक्षा का ध्यान रखा जाय।
उन्होंने कहा कि गोवंश संरक्षण की अवधि 16 जनवरी, 2024 तक बढ़ाई गयी है, इसलिए अवशेष निराश्रित गोवंश का शत-प्रतिशत संरक्षण करते हुए उनके भरण पोषण की पूरी व्यवस्था की जाए। संरक्षण कार्याे में किसी प्रकार की लापरवाही बरतने व शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि गोवंश का संरक्षण एवम संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश में अब तक कुल 1392735 निराश्रित गोवंश का संरक्षण किया गया है आगे भी निराश्रित गौवंश सुरक्षा में किसी स्तर पर कोई कमी नहीं होने पाए। उन्होंने निर्देश दिए की गौशाला में पानी, विद्युत, चारा, भूसा, ठंड से बचाव, उपचार की व्यवस्था आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ0 रजनीश दुबे ने कहा कि निराश्रित गोवंश को गौ आश्रय स्थलों तक पहुंचाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव ने मंत्री को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशानुसार शेष निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थलों तक पहुंचाने और उनके भरण पोषण की पर्याप्त व्यवस्था कर ली जायेगी। इसके साथ ही नये अस्थायी गोआश्रय स्थलों का निर्माण कार्य और विस्तारीकरण का कार्य समयबद्ध रूप से पूर्ण कर लिया जायेगा और निराश्रित गोवंश के संरक्षण में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव
देवेन्द्र पांडेय, दुग्ध आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील, निदेशक पशुपालन डा0 ए0के0 जादौन, अपर निदेशक गोधन डा0 जे0के0 पांडेय तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।