कौशाम्बी,
महाशय मसूरिया दीन पासी ने जरायम एक्ट को खत्म करने का किया था अभूतपूर्व कार्य:राजीव,
महाशय मसूरिया दीन पासी का जयंती समारोह पश्चिम शरीरा में धूमधाम से मनाया गया, इस दौरान उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद भारी संख्या में कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ताओ द्वारा जयंती धूमधाम से मनाई गई।
मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे राजीव पासवान एडवोकेट प्रदेश अध्यक्ष लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास ने कहा कि 1 वर्ष पहले संविधान सभा के सदस्य महाशय मसूरिया दीन पासी की मूर्ति सब के सहयोग से लगवाने का काम किया और कहा कि दबे, कुचले,शोषित लोगों से संपर्क करते रहे है तथा उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित करते रहे,यही कारण है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश ,बिहार महाराष्ट्र तथा नागालैंड सहित बहुत से राज्यों में महाशय मसूरिया दीन पासी का जन्मदिन आज भी धूमधाम से मनाया जाता है और उनके कार्यों को याद किया जाता है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि 1932 से 1944 के बीच बाबू मसूरिया दिन पासी का अधिकतर समय जेल में व्यतीत हुआ ,1935 में ऑल इंडिया डिस्पैच क्लास लीग में सम्मानित किए गए और विभिन्न जाति सूचक अधिनियमों के विरुद्ध आवाज बुलंद की। इन्हीं अधिनियम में एक अधिनियम जरायम क्रिमिनल एक्ट 1871 था जिसमें पासी समाज के साथ-साथ अन्य जातियों के युवकों को क्रिमिनल माना जाता था और नवयुवकों को 15 साल के होते ही इन्हें निमित्त रूप से थाने में जाकर अपनी मौजूदगी दर्ज करानी पड़ती थी और इन्हें इनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जाता था।
उनके विरुद्ध बाबू मसूरिया दीन पासी ने आवाज उठाई और निरंतर संघर्ष किया, संघर्ष के कारण ही आजादी के पूर्व ही कई जातियों को जरायम क्रिमिनल एक्ट से हटा दिया गया था, किंतु पासी समाज के साथ अन्य कुछ जातियां आजादी के बाद भी इससे प्रभावित करती रही, इन्हीं के लिए संसद के भीतर और बाहर आवाज उठाई तथा कांग्रेस के शीर्षक नेताओं के समक्ष अपना विरोध प्रकट किया।
इनके परिणाम स्वरुप 20 वर्ष के कठिन संघर्ष के उपरांत ही पासी समाज के साथ अन्य जातियों को भी इस एक्ट से मुक्ति मिली और वह भी समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित हुई और कहा कि हर वर्ष अक्टूबर मास में बड़े स्तर पर महाशय मसूरिया दीन पासी की जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी।