कौशाम्बी,
श्री राम कथा में सीता माता की खोज कर हनुमान जी ने किया लंका दहन,
यूपी के कौशाम्बी जिले के कड़ा धाम के दारानगर कस्बे में चल रही श्री रामकथा में कथा वाचक वेदांती जी महाराज ने श्री राम कथा के आठवें दिन माता सीता की खोज व हनुमान जी द्वारा लंका दहन की कथा सुनाई ।
कथा में स्वामी वेदांती महराज ने बताया कि माता सीता की खोज के लिए अंगद कहते हैं कि हनुमान जी से शक्तिशाली कोई नहीं है और समुद्र को सिर्फ वही लांघ सकते हैं। लेकिन तब हनुमान जी अपनी शक्तियां भूल चुके होते हैं। तब जामवंत हनुमान जी को उनकी शक्तियां याद दिलाते हैं।शक्तियां याद आने के बाद समुद्र लांघकर वे लंका पहुंच जाते हैं। यहां वे रावण के राजमहल में सीता जी को खोजते हैं, पर वे वहां नहीं मिलती। इसके बाद उनकी मुलाकात विभीषण से होती है, जो सीता माता का पता बताते हैं। रात में वे अशोक वाटिका पहुंचते हैं, जहां सीता जी को विभिन्न राक्षसी डरा रही होती हैं। तभी वहां रावण आता है और उन्हें भय दिखाता है।
सीता माता रावण से कहती हैं कि श्री राम उसे लंका सहित संहार कर देंगे। रावण के जाने के बाद हनुमान जी भगवान राम द्वारा दी गई मुद्रिका माता सीता के सामने डालते हैं, जिसे वे पहचान लेते हैं। तभी वे अशोक वृक्ष से उतर उनके सामने आ जाते हैं। यहां पर सीता और हनुमान का बड़ा ही मार्मिक संवाद होता है। इसके बाद हनुमान, सीता जी से अशोक वाटिका में लगे फलों को खाने का निवेदन करते हैं, जिसकी वे आज्ञा दे देती हैं।हनुमान जी रावण के राज उद्यान को तहस-नहस कर देते हैं।
जब यह समाचार रावण के मिलता है तो वह अपने पुत्र अक्षय कुमार को भेजता है, जिसका हनुमान जी वध कर देते हैं। इसके बाद वह मेघनाद को भेजते हैं, जो हनुमान जी को नागपाश में बांध लेता है और रावण के राजदरबार में लाता है। यहां पहुंचकर हनुमान जी रावण को समझाते हैं, लेकिन वह उनकी बात न मानकर उनकी पूंछ में आग लगाने की आज्ञा देता है। पूंछ में आग लगते ही हनुमान जी पूरी लंका का विध्वंस कर देते हैं।
श्री राम कथा के आयोजन में रवि मणि तिवारी एवं अश्वनी तिवारी मुख्य यजमान बनकर यज्ञशाला एवं सवा करोड़ सीताराम जाप स्वामी सुदर्शन दास जी महाराज फलाहारी बाबा चित्रकूट धाम के सानिध्य में कार्यक्रम नित्य प्रति किया जा रहा है।
कथा में राजेश कुमार मिश्रा, गिरीश शुक्ला, एम , राजेंद्र पांडेय , विनय मिश्रा ,अजय शुक्ल ,ओमनीश तिवारी,बृजेश मिश्रा, दीनानाथ अवस्थी, मनोज पटेल , पत्रकार उमेश मिश्रा, पत्रकार रवि अग्रहरि, मिश्रीलाल, बल्लू यादव, सतीश चंद्र शर्मा, आशु, बब्बू मिश्र, धर्मेंद्र मिश्र, दीपू मिश्र, शशि कमल सहित बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहे।