नामी कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर सैकड़ो लोगों से आनलाइन 30 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश,

प्रयागराज,

नामी कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर सैकड़ो लोगों से आनलाइन 30 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश,

यूपी के प्रयागराज जनपद की पुलिस ने नामी कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर सैकड़ो लोगों से आनलाइन 30 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसएसपी कोलकाता नाम का ठग दो साथियों समेत प्रयागराज पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आनलाइन ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का शुक्रवार को साइबर थाने की पुलिस ने राजफाश किया। तीन जालसाजों को गिरफ्तार कर ठगी के रुपये बरामद किए गए। पूछताछ में पता चला कि नामी कंपनियों के क्लोन वेबसाइड के माध्यम से छह सौ से अधिक लोगों से करीब 30 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। तीनों के खिलाफ नौ राज्यों में 17 मामले दर्ज हैं।

प्रयागराज के व्यापारी मोहम्मद सईद व सोनाली जायसवाल ने आइजी डा. राकेश सिंह से कुछ दिन पहले ठगी की शिकायत की थी। आइजी ने साइबर थाने की पुलिस को लगाया। शुक्रवार सुबह पुलिस ने विनय कुमार उर्फ अशोक सिंह उर्फ एसएसपी कोलकाता निवासी अहियावक, थाना कतरी सराय, नालंदा बिहार, अभिषेक शर्मा निवासी रिछा, थाना अलोट, रतलाम, मप्र व रत्नेश भारती निवासी लाल बीघा, थाना काशीचक, नेवादा बिहार को गिरफ्तार किया। आइजी डा. राकेश सिंह ने बताया कि नामी कंपनियों के क्लोन वेबसाइट तैयार कर यह गैंग लोगों को अपना शिकार बनाता था। विनय कुमार गिरोह का सरगना है। इनके खिलाफ उप्र, कर्नाटका, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली में 17 मामले दर्ज हैं। जिले में इनके खिलाफ दो मामले दर्ज हुए थे, जिसमें 18.49 लाख रुपये की ठगी की गई थी। गिरोह में कई और भी शामिल हैं, जिनके बारे में पता लगाया जा रहा है। तीनों के खातों से दस लाख रुपये मिले, जिसे फ्रीज कराया गया है। मो. सईद को 8.39 लाख रुपये वापस कराए गए हैं।

शातिर रत्नेश भारतीय ने जीआरटी भुवनेश्वर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। अभिषेक शर्मा ने एमए करने के साथ ही बैचलर आफ कंप्यूटर साइंस की डिग्री ली है। विनय कुमार ने बीए किया है। आइजी ने बताया कि तीनों नई दिल्ली में एक कंपनी में काम करते थे। यहीं से रत्नेश व अभिषेक ने वेबसाइट डेवलप करने का काम सीखा था। लाकडाउन में वर्क फार्म होम होने पर घर से काम करने लगे। धीरे-धीरे तीनों खुद की वेबसाइट तैयार कर लोगों को ठगने लगे। विनय कुमार ने अपने माेबाइल नंबर को ट्रू कालर में एसएसपी कोलकाता के नाम से सेव कर रखा था ताकि कोई उसे फोन लगाए तो डर जाए। विनय ने बताया कि लोग उसे एसएसपी कोलकाता के नाम से भी जानते हैं। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से दो लैपटाप, दस मोबाइल, 26 एटीएम कार्ड, छह आधार कार्ड, छह चेकबुक, एक पासपोर्ट, चार पासबुक, दो पैन कार्ड, सात डीएल, सात सिमकार्ड, दो हाटस्पाट माडम, छह मोहर बरामद किया गया।

 

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor