निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों का आक्रोश,कौशाम्बी में बिजली कर्मचारी ने कार्य बहिष्कार कर किया प्रदर्शन

कौशाम्बी,

निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों का आक्रोश,कौशाम्बी में बिजली कर्मचारी ने कार्य बहिष्कार कर किया प्रदर्शन,

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के निजीकरण के खिलाफ प्रदेशभर के बिजली कर्मचारियों में जबरदस्त नाराजगी देखने को मिल रही है। बुधवार को पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में पूरे प्रदेश के जनपदों और परियोजनाओं पर कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया है। इसी कड़ी में कौशाम्बी जिले के मंझनपुर मुख्यालय स्थित पावर हाउस में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के जिला संयोजक आदर्श केसरवानी के नेतृत्व में सैकड़ों बिजली कर्मियों ने विरोध सभा कर प्रबंधन की नीति के खिलाफ आवाज बुलंद की।

प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि पावर कॉरपोरेशन के उच्च अधिकारी निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए आंकड़ों में हेरफेर कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन पर यह आरोप लगाया कि वे घाटा बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहे हैं ताकि निजीकरण को जायज ठहराया जा सके।

संघर्ष समिति ने बैठक कर यह ऐलान किया और आगे की रणनीति बताते हुए कहा कि अभी निजीकरण को लेकर टेंडर प्रक्रिया चल रही है। जिस दिन टेंडर खुलेगा और हम लोगों को पता चलेगा कि हमारी सुनवाई नही हो रही है। उस दिन से हम लोग जेल भरो आंदोलन करेंगे।

समिति ने दावा किया कि पावर कॉरपोरेशन ने मात्र चार दिन के भीतर अपने ARR (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) को संशोधित कर घाटा 9,206 करोड़ से बढ़ाकर 19,600 करोड़ रुपये दिखा दिया है। समिति का कहना है कि यह आंकड़े भ्रामक हैं और जानबूझकर निजीकरण को तर्कसंगत दिखाने के लिए गढ़े गए हैं।

बिजली कर्मचारियों ने आगरा के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि निजीकरण के बाद वहां पावर कॉरपोरेशन को सालाना 274 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने चेताया कि यदि कौशाम्बी समेत अन्य जिलों में भी यही मॉडल लागू हुआ, तो उपभोक्ताओं और कर्मचारियों –दोनों को भारी नुकसान होगा।

कौशाम्बी में हुए विरोध प्रदर्शन में बिजली कर्मचारियों ने एक स्वर में चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन के आंकड़ों और नीतियों पर शुक्रवार को विस्तृत बयान जारी किया जाएगा।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor