उत्तर प्रदेश,
यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने में सहकारिता विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका:जे0पी0 राठौर,
न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी)
सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार राज्यमंत्री बी0एल0 वर्मा ने कहा कि पूरे देश में सहकारिता के माध्यम से किसानों को लाभान्वित करने का काम किया जा रहा है। केन्द्र सरकार किसानों के हितों के लिए कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री की सहकार से समृद्धि की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है।
यह विचार शुक्रवार को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, मरकरी हाल, गोमती नगर लखनऊ में उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0 (यू.पी.आर.एन.एस.एस.) द्वारा 70वाँ अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह 2023 के अवसर पर सहकारिता क्षेत्र में ’’वर्तमान में सहकारी समितियों का विकास’’ विषय पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य अतिथि राज्यमंत्री पूर्वात्तर क्षेत्र विकास एवं सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार बी0एल0 वर्मा दीप प्रज्ज्वलित कर व्यक्त कर रहे थे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘‘सहकार से समृद्धि’’ की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से 06 जुलाई, 2021 को पृथक सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई। इस नवगठित मंत्रालय के प्रथम सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय ने दो वर्षों के अल्पकालिक समय में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने हेतु महत्वपूर्ण कार्य किया गये हैं, जिनसे सभी सहकारी समितियों को अपने आर्थिक विकास एवं विस्तार की नई संभावनाएं मिल रही हैं।
केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि पैक्स को बहु-उद्देशीय बनाने के लिए आदर्श उपविधियां भी जारी कर दी गयी हैं। इससे 25 से अधिक नए क्षेत्रों जेसे डेयरी, मात्स्यिकी, भण्डारण, इत्यादि में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि पैक्स एलपीजी डिस्ट्रीव्यूटरशिप, पेट्रोल/डीजल पंप डीलरशिप, जन औषधि केन्द्र, उर्वरक वितरण केन्द्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र, नाबार्ड के सहयोग से बैंक मित्र के रूप में कार्य कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों पर किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य अथवा राज्य की सलाह मूल्य तक, गन्ने के उच्चतर मूल्यों के भुगतान करने पर अतिरिक्त आयकर नहीं देना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों को इथेनोल खरीद में वरीयता एवं कोजेन बिजली संयंत्रों की स्थापना का भी कार्य किया जा रहा है। चीनी मिलों की सहायता के लिए शीरा पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया। उन्होंने कहा कि सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (एआरडीबीएक) का कम्प्यूटरीकरण को मंजूरी दी है।
इस अवसर पर सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे0पी0एस0 राठौर ने कहा कि सहकारिता का विस्तार करके इसके तहत पूरे प्रदेश में कार्यक्रम किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने लक्ष्य बड़ा तय किया है और आप सबके सहयोग से इसे पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 01 सितम्बर से 30 सितम्बर, 2023 तक सहकारी समितियों में सदस्य बनाये जाने के लिए सदस्यता अभियान चलाकर 30 लाख नये सदस्य बनाये गये जो कि एक कीर्तिमान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय सहकारिता मंत्री एवं गृह मंत्री अमितशाह की संकल्पना है कि उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाना है, जिसमें सहकारिता विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों को सक्षम बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने योजना तैयार करवायी है, जिसके तहत समितियों का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। पैक्स को मजबूत किये बिना सहकारिता को मजबूत नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0 द्वारा निरन्तर शासन द्वारा आवंटित निर्माण कार्यों को उच्च गुणवत्ता एवं समयबद्धता से पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। सहकारिता विभाग द्वारा सरकार की मंशा के अनुरूप किसानों के हित के लिए कार्य किया जा रहा है।
प्रमुख सचिव, सहकारिता, बी0एल0 मीणा द्वारा बताया गया कि देश की आजादी के बाद से सहकारी सप्ताह मनाया जा रहा है। सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को ऋण एवं उर्वरक सहित अन्य सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि रु0 1 करोड़ से रु0 10 करोड़ तक की आय वाली सहकारी समितियों के अधिभार को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। सहकारी समितियों की स्रोत पर कर कटौती किए बिना उनकी नकद निकासी सीमा को 1 करोड़ रुपए से बढ़ाकर को 3 करोड़ रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है।
उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0 के प्रबन्ध निदेशक ए0के0 सिंह ने यह भी बताया कि उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0 लखनऊ प्रदेश की एक ऋणमुक्त शीर्ष सहकारी संस्था हैै। संस्था को शासन द्वारा तृतीय श्रेणी की राजकीय निर्माण एजेन्सी के रूप में घोषित किया गया है। संस्था द्वारा 35 निर्माण प्रखण्डों के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न विभागों के निर्माण कार्य शासन के मंशा के अनुरूप उच्च गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ कराये जा रहे हैं। संस्था के कार्यो को गति प्रदान करने एवं गुणवत्ता पर नियत्रंण हेतु तैयार कराये साफ्टवेयर से मासिक प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की जाती है। यूपीआरएनएसएस विगत वर्षो से आर्थिक रूप से काफी सुदृढ हुआ है और निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर है। गुणवत्ता नियत्रंण के दृष्टिगत निर्माण सामग्रियों की टेस्टिंग हेतु संस्था द्वारा मुख्यालय पर लैब की स्थापना की गयी है। निर्माण कार्यो की टेण्डर प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए केवल ई-टेण्डर के माध्यम से निर्माण कार्य संपादित कराये जा रहे हैं तथा कराए गये कार्यों के भुगतान पारदर्शिता के साथ ई-बिल/ई-एम0बी0 साफ्टवेयर के माध्यम से किये जा रहे हैं। विभिन्न विभागों के वित्तीय वर्ष-2022-23 में रु0 546.46 करोड़ के कार्य कराये जा चुके है, तथा वित्तीय वर्ष-2023-24 के माह अक्टूबर 2023 तक रु0 394.00 करोड़ के कार्य कराये जा चुके है।उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0 के सभापति प्रेम सिंह शाक्य द्वारा आये हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
गोष्ठी में अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक (बैंकिंग) सहकारिता बी0 चन्द्रकला, अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक (प्रशासन) ईशा प्रिया, विशेष सचिव सहकारिता एन0पी0 पाण्डेय, महाप्रबंधक नाबार्ड एस0के0 डोरा, प्रो0 आईआईएम लखनऊ डॉ0 कुशान्कर डे, मा0 सभापति यू0पी0सी0बी0 जितेन्द्र बहादुर सिंह, यू0पी0आर0एन0एस0एस0 के उप सभापति आलोक सिंह, सभापति हॉॅफेड, नवलेश प्रताप सिंह, सभापति पी0सी0एफ0 वाल्मीकी त्रिपाठी, प्रबन्ध निदेशक राम प्रकाश, प्रबन्ध निदेशक शशि रंजन कुमार राव, प्रबन्ध निदेशक कुलश्रेष्ठ, तथा समस्त यू.पी.आर.एन.एस.एस. के संचालक गण एवं अधिकारी/कर्मचारी तथा सहकारिता विभाग के अन्य अधिकारी आदि उपस्थित रहे।