भूत ने दर्ज कराई FIR,पुलिस ने भूत का बयान दर्ज कर लगाई चार्जशीट,मामला पहुंचा हाईकोर्ट,जज ने मामला रद्द कर विवेचक के खिलाफ जांच के दिए आदेश 

उत्तर प्रदेश,

भूत ने दर्ज कराई FIR,पुलिस ने भूत का बयान दर्ज कर लगाई चार्जशीट,मामला पहुंचा हाईकोर्ट,जज ने मामला रद्द कर विवेचक के खिलाफ जांच के दिए आदेश,

यूपी के कुशीनगर जिले में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है जहा कुशीनगर जिले की पुलिस ने एक बहुत ही हैरतअंगेज कारनामे को अंजाम दिया है, इस कारनामे को सुनकर आम आदमी को छोड़िए इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने भी अपना माथा पकड़ लिया है।

दर असल कुशीनगर जिले में एक 3 साल पहले मर चुके एक वादी का मुकदमा इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंचा। इस मामले में हाईकोर्ट के जज ने कुशीनगर पुलिस के विवेचना अधिकारी से पूछा कि आखिर 3 साल पहले मर चुके शख्स का बयान पुलिस ने कैसे ले लिया? इस मामले को लेकर इलाहाबाद के हाईकोर्ट ने एसपी कुशीनगर को विवेचना अधिकारी के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

कुशीनगर के शब्द प्रकाश के भूत ने याची के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और इस दौरान पुलिस के विवेचना अधिकारी ने उस भूत का बयान भी दर्ज कर लिया और चार्जशीट भी दाखिल कर दी। बात यहीं नहीं खत्म होती है इसके बाद भूत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर 19 दिसंबर 2023 को वकालतनामे पर दस्तखत भी कर दिए।इलाहाबाद हाईकोर्ट में आए इस अनोखे मामले के प्रकाश में आने के बाद जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी आश्चर्य में पड़ गए और कहा कि केस के तथ्य से वह अवाक है। बेंच ने कहा कि किस तरह पुलिस अपराध की विवेचना करती है कि पुलिस ने तीन साल पहले मरे आदमी का बयान दर्ज कर लिया।

कोर्ट ने एसपी कुशीनगर को निर्देश दिया कि भूत निर्दोष को परेशान कर रहा है, विवेचना अधिकारी को अपना बयान दर्ज करा रहा है ऐसे विवेचना अधिकारी की जांच कर रिपोर्ट पेश करें। साथ ही याची पुरूषोत्तम सिंह व चार अन्य के खिलाफ आपराधिक केस कार्यवाही को कोर्ट रद्द कर दिया।कोर्ट ने कहा की मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ममता देवी ने अधिवक्ता विमल कुमार पाण्डेय को मृत व्यक्ति का वकालतनामा हस्ताक्षरित करके दिया है।कोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से कहा है कि वकील को भविष्य में सावधानी बरतने की सीख दें।

शिकायतकर्ता शब्द प्रकाश की मौत 19 दिसंबर 2011 को हो गई थी जिसका समर्थन सीजेएम कुशीनगर की रिपोर्ट में भी किया गया है। उन्होंने मृतक की पत्नी के बयान व मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर रिपोर्ट दी है। मामले के अनुसार मृत व्यक्ति के भूत ने 2014 में कुशीनगर के कोतवाली हाटा में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने 23 नवंबर 14 को चार्जशीट दाखिल कर दी और भूत को अभियोजन गवाह नामित कर दिया। याचिका में केस कार्यवाही की वैधता को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की गई थी।

कोर्ट ने कहा कि वो इस बात पर अवाक है कि जांच अधिकारी द्वारा मृत व्यक्ति का बयान दर्ज करके किस प्रकार जांच की गई है, इसलिए न केवल थाना कोतवाली हाटा, जिला कुशीनगर में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 1028/2014 की आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 की कार्यवाही को रद्द किया जाता है,बल्कि यह निर्देश दिया जाता है कि एसपी कुशीनगर वर्तमान मामले के तथ्यों पर ध्यान देंगे कि एक भूत कैसे एफआईआर दर्ज करके अपना बयान देकर निर्दोष व्यक्ति को परेशान कर रहा है और संबंधित विवेचना अधिकारी के खिलाफ जांच करेंगे और इस मामले को रिकॉर्ड में रखा जाएगा।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor