कौशाम्बी
सदर विकास खण्ड के नगर पंचायत करारी में आखिरी इमाम मोहम्मद महदी की शान में महफिल का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत तेलावते कुरआन ए पाक से की गई। इसके बाद मौलाना ने तकरीर कर इमाम की जीवनी पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम रात 8 बजे शुरू हो कर देर रात तक चला।शुक्रवार को नगर पंचायत करारी स्थित नयागंज वार्ड के जैनब विला में इमाम हुज्जत यूथ ऑर्गनाइजेशन के तत्वावधान में महफिल जशने इंतेज़ार का आयोजन किया गया। महफिल की शुरुआत तकी मुजतबा और जवाद ने किया। इसके बाद मौलाना रजी हैदर ने तकरीर करते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया इस बात को मान रही है कि हमारे आखिरी इमाम जहूर करेंगे। हर धर्म के लोग किसी न किसी रूप मे इमाम ए ज़माना को मान रहे हैं। तकरीर के बाद प्रारंभ हुआ तरही शेरो शायरी का दौर। शायरों की कडी में सबसे पहले नातिया कलाम डॉक्टर नायाब बलियावी ने पेश कर वहां मौजूद रहे लोगों को वाह वाह करने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद कानपुर से आये मशहूर शायर ताज ने जब यह शेर पढ़ा तो बैठे नवजवानों नारा हैदरी लगाते हुये महफिल में चार चांद लगा दिया। उन्होंने पढ़ा-आयतें बेचैन हैं करबो बला के दश्त में–मुंतजिर है रेहले काबा आखिरी कुरआन का। इसके बाद सागर बनारसी ने पढ़ा-रात भर करबो बला में हुर का करके इन्तेजार-मर्तबा शब्बीर ने बतला दिया मेहमान का। रौशन करारवी ने पढ़ा-या इलाही भेज दे अब मुसहफे नातिक को तू-ताकि जल्दी खत्म हो कारे जहां शैतान का। अंत मे बुजुर्ग शायर रजी बिस्वानी ने कलाम पेश किया। कार्यक्रम का संचालन अनीस जायसी ने किया। इस मौके पर सुब्बन रिज़वी, अब्बास रिज़वी, अबूजर रिज़वी, अम्मार रिज़वी, और शोएब सलमान सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे