कौशाम्बी,
कौशाम्बी में लोकसभा चुनाव हुआ समाप्त,शुरू हुई हार जीत पर चर्चा,
यूपी के कौशाम्बी जिले में लोकसभा का चुनाव समाप्त हो गया है,चुनाव समाप्त होने के बाद मंगलवार की सुबह से चुनाव में हार जीत की चर्चा का दौर शुरू हो गया है। कौशाम्बी जिले में स्थानीय लोग अपने अपने क्षेत्र में सियासी कयास में अपने अपने समीकरण बता कर पार्टी प्रत्याशियों को जीत व हार दिला रहे हैं।कोई कमल खिलाकर विकास के मुद्दे को राष्ट्र वाद पर आगे बढ़ने का दावा कर रहे हैं, तो कुछ गठबंधन की साइकिल को सरपट गति से आगे बढ़ा कर क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने की बात कह रहे हैं।
देश में लोकसभा चुनाव के पाचवें चरण में कौशाम्बी संसदीय सीट के लिए सोमवार की सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान हुआ। मतदाताओं ने प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला अपना मातो का प्रयोग करके कर दिया है। भीषण गर्मी व चिलचिलाती धूप ने वोट प्रतिशत को गहरी चोट दे दी है,इस दौरान कुल 52.79% ही मतदान हुआ है।
कौशाम्बी किन्तीन विधानसभा और प्रतापगढ़ की दो विधानसभा के मतदाताओं ने दस प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला EVM के अंदर बंद कर दिया है।जिले में मंझनपुर विधानसभा के मतदाताओं ने वोट के प्रति अपना उत्साह दिखाया और 57.11% मतदान किया। बाकी चार विधानसभाओं ने राजनीतिक दलों को निराश किया है।
मंझनपुर विधानसभा में 57.11 प्रतिशत वोटिंग हुई। सिराथ विधानसभा में 53.62 प्रतिशत, चायल विधानसभा में 53.09 प्रतिशत, प्रतापगढ़ क्लजिले के बाबागंज विधानसभा में 48.98 और कुंडा विधानसभा में 49.40 प्रतिशत मतदान हुआ। बाबागंज और कुंडा के वोटरों ने मतदान को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई। वोटिंग के बाद राजनीतिक दल के प्रत्याशी व कार्यकर्ता चुनावी गुणा-गणित में जुट गए हैं। हार-जीत को लेकर स्थिति बहुत स्थिति स्पष्ट नहीं है।
इस बार का चुनाव स्थानीय मुद्दों पर न होकर राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय पार्टियों ने लड़ा,वही स्थानीय मुद्दों और समस्याओं को लेकर मतदाताओं ने परिवर्तन को लेकर मतदान का प्रयोग किया है और दो बार से सांसद रहे प्रत्याशी को नकारने का काम किया है,वही परिवर्तन और स्थानीय मुद्दों को लेकर नाराज मतदाताओं ने INDIA गठबंधन के प्रत्याशी के साथ जाने का फैसला कर लिया था और इस लिए मतदान का बहिष्कार का भी निर्णय लिया।
हालांकि अधिकारियों की मान मनऊवल के बाद ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार का निर्णय वापस लेने के बाद मतदान का प्रयोग तो किया लेकिन नाराजगी में वह मतदान वर्तमान के विरोध में ही रहा।