पूरामुफ्ती थाने का आस्तित्व बचाने के लिए कैबिनेट मंत्री का घेराव

कौशाम्बी

पूरामुफ्ती कोतवाली के अस्तित्व को समाप्त कर उसके अधीन आने वाले गांवों को दूसरे थानों में समाहित किए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने  कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ का घेराव किया। उन्होंने मंत्री से मांग की कि पूरामुफ्ती कोतवाली के अस्तित्व को बरकरार रखा जाए, जिससे क्षेत्र के लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिलता रहे।इलाके के लोगों ने कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का मंगलवार को पूरामुफ्ती चौराहे पर घेराव किया। उन्होंने मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि पूरामुफ्ती थाने की स्थापना 1930 में हुई थी। यह जीटी रोड का एक ऐतिहासिक थाना है। इसके अंतर्गत कई अति संवेदनशील गांव आते हैं। इस क्षेत्र में अक्सर लड़ाई-झगड़े और आपराधिक गतिविधियां होती रहती हैं। थाना नजदीक होने के कारण ऐसी आपराधिक गतिविधियों पर पुलिस तुरंत रोकथाम कर लेती है। क्षेत्र के 40 गांवों को धूमनगंज थाने से जोड़ दिया गया है जिसकी दूरी लगभग 18 किलोमीटर है। थाना धूमनगंज में पहले से ही सैकड़ों गांव हैं। 40 गांव और जुड़ जाने के कारण धूमनगंज थाने पर काफी बोझ बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि फतेहपुर घाट, हटवा, असरौली, उजिहिनी आदि ऐसे कछार के गांव हैं जहां पर आए दिन कोई न कोई घटनाएं होती रहती हैं। पूरामुफ्ती थाना समाप्त होने से अपराधियों और सामंतवादियों का बोलबाला हो जाएगा। चोरी व लूट की वारदात भी बढ़ जाएगी। पूरामुफ्ती थाने के अंदर आवासों का निर्माण भी कराया गया है जिसमें शासन के करोड़ो रुपये खर्च हुए हैं। ग्रामीणों ने मंत्री से पूरामुफ्ती थाने का अस्तित्व कायम रखने की गुहार लगाई। इस मौके पर प्रीतम पटेल, वीरेंद्र पासी, रामचंद्र, मनोज कुमार, सुरेश चंद्र, मानिक चंद्र, अशोक कुमार और रिजवान अहमद आदि लोग मौजूद रहे।

Ashok Kesarwani- Editor
Author: Ashok Kesarwani- Editor