कौशाम्बी
डीएम अमित कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्टेट स्थित सम्राट उदयन सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में डीएम ने जननी सुरक्षा योजना, परिवार कल्याण कार्यक्रम, टीकारण कार्यक्रम, एमसीटीएस, नगरीय स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय अन्धता निवारण कार्यक्रम, कुष्ठ निवारण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृ वन्दन योजना, पीसीपीएनडीटी तथा राष्ट्रीय क्षय नियन्त्रण कार्यक्रम सहित अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी योजनाओं की विन्दुवार समीक्षा की। बैठक में जननी शिशु सुरक्षा योजना कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदाशीनता क्षम्य नहीं होगी। उन्होने सभी एमओआईसी को निर्दिष्ट किया है कि वे आशाओं को घर-घर भेजकर गर्भवती महिलाओं का चिन्हीकरण कर उनका रजिस्टेªशन करें तथा शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराना सुनिश्चित करे। उन्होनंे प्रसूताओं को मिलने वाले इन्सेन्टिव का भुगतान समय से उनके खाते में प्रेषित किये जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियो को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रसव होने के बाद प्रसूता महिला को अस्पताल में 48 घण्टे अवश्य रखें जिससे कि महिला एवं बच्चे का निरन्तर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सके। उन्हेाने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अन्तर्गत आशाओं को बीमा कराये जाने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने सभी एमओआईसी को निर्देशित करते हुए कहा है कि सब सेन्टरों पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित बनाये रखें। उन्हेंाने चिकित्सकों को समय से अस्पताल में बैठने एवं अस्पताल में उपलब्ध दवाइयों की पूर्ण उपलब्धता सुनिश्चि करने तथा मरीजों को अस्पताल से ही दवायें उपलब्ध कराये जाने के लिए कहा है, कहा कि मरीजों को किसी भी दशा में बाहर से दवा लेने के लिए न लिखा जाए तथा अस्पतालों में साफ-सफाई की भी समुचित व्यवस्था बनाये रखें। जिलाधिकारी ने उपलब्ध धन को संबंधित योजनाअेां में खर्च करते हुए उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 पीएन चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ0 दीपक सेठ, डॉ0 हिन्द प्रकाश मणि सहित स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी गण उपस्थित रहे।