कौशाम्बी
देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महती भूमिका निभाने के बाद देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं को शुरू किया था,उन्होंने देश को आर्थिक रूप से मजबूत होकर अपने पैर पर खड़ा होने की ताकत दी। यही नहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी उन्होंने अपना महत्वपूर्ण विचार रखते हुए विकासशील देशों का नेतृत्व करते हुए एक नए सिद्धांत का प्रतिपादन किया। जिसे आज पंचशील सिद्धांत के रूप में पहचाना जाता है। उक्त बातें पंडित जवाहरलाल नेहरू के पुण्यतिथि के अवसर पर कांग्रेस कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में उन चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए पार्टी के कोषाध्यक्ष वेद प्रकाश पांडे सत्यार्थी ने कही।इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ने जो सिद्धांत प्रतिपादित किए थे और जिस तरीके से उन्होंने देश के विकास के लिए योजनाओं को शुरू किया गया था वह आज के भी वर्तमान युग में पूरी तरह से प्रसांगिक हैं। देश आज भी अपने प्रथम प्रधानमंत्री के द्वारा तय किए गए विदेश नीति के सिद्धांत पर चल रहा है जो उनके दूरदर्शीता को प्रमाणित करता है। उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंडित नेहरू अपने सरल व्यक्तिव के कारण तीन बार प्रधानमंत्री के पद पर रहे और अपने प्रधानमंत्री काल में पंचशील का कार्यक्रम बनाया। साथ ही बच्चों के बीच लोकप्रिय होने के कारण बच्चे प्यार से पंडित नेहरू को चाचा नेहरू के नाम से पुकारा करते थे। इस मौके भारत गौतम, इजहार अब्बास और प्यारे भाई ने भी अपने-अपने विचार रखे। इस मौके पर प्रमुख रूप से कमला कांत, देव शरण, राजकुमार, देव सुख, ओमप्रकाश, जयदीप सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।